न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में सत्ताधारी गठबंधन महाविकास अघाडी के साझेदारों शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के बीच तनातनी बढ़ती दिख रही है। मुख्यमंत्री एवं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एल्गार परिषद मामले में यू-टर्न लेने के बाद अब एनसीपी और कांग्रेस की आपत्तियों को नजरअंदाज करते हुए रजाय में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर पर आगे बढ़ने का फैसला लिया है।
यह फैसला ऐसे समय पर लिया गया है जब देशभर में एनपीआर, नागरिक संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है।
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राज्य सरकार के एनपीआर लागू करने के फैसले को लेकर सहयोगी दलों के बीच तनातनी देखने को मिल रही है। सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे राज्य में 1 मई से एनपीआर की प्रक्रिया शुरू करना चाहते हैं।
वहीं कांग्रेस और एनसीपी इस पूरी कवायद का खुलेआम विरोध कर रही है। कांग्रेस जहां एनपीआर को एनआरसी का मुखौटा करार दे रही है, वहीं एनसीपी ने भी इसे लेकर सार्वजनिक रूप से अपनी आपत्तियां दर्ज कराई है।
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यह पहला मौका नहीं, जब महाराष्ट्र के सत्ताधारी गठबंधन में इस तरह मतभेद दिखे हों। इससे पहले एनसीपी चीफ शरद पवार ने एल्गार परिषद मामले की जांच महाराष्ट्र पुलिस से लेकर एनआईए को सौंपे जाने को लेकर उद्धव ठाकरे सरकार की शुक्रवार को आलोचना की।
पवार ने पत्रकारों से कहा कि केंद्र ने मामले की जांच पुणे पुलिस से लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपकर ठीक नहीं किया, क्योंकि कानून-व्यवस्था राज्य सरकार का विषय है।
सीएए, एनपीआर और एनआरसी को लेकर हो रहे देशव्यापी विरोध के बावजूद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक मई से 15 जून तक एनपीआर के तहत सूचनाएं इकट्ठा करने की अधिसूचना जारी की है।
वहीं महाराष्ट्र के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त (आरजीसीसी) के कार्यालय ने एनपीआर और जनगणना को लेकर राज्य के अधिकारियों के साथ छह फरवरी को एक बैठक की और दोनों प्रक्रियाओं को लागू करने के लिए लगभग 3.34 लाख कर्मचारी तैनात किए गए हैं। इसे लेकर राज्य सरकार जल्द ही अधिसूचना जारी करेगी।
एप के जरिए इकट्ठा किया जाएगा डाटा
त्रिपुरा में केवल मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए मई महीने से एनपीआर अपडेशन के लिए डाटा इकट्ठा किया जाएगा। यह जानकारी जनगणना संचालन निदेशालय के वरिष्ठ अधिकारी ने दी। पूर्वोत्तर राज्य में जनगणना के हिस्से के रूप में एनपीआर के लिए डाटा एकत्र किया जाएगा।
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