न्यूज डेस्क
लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने मालेगांव धमाके की आरोपी साध्वी प्रज्ञा को भोपाल लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। बीजेपी प्रत्याशी बनाए जाने के बाद साध्वी प्रज्ञा को लेकर घमासान शुरू हो गया है।
साध्वी प्रज्ञा को चुनाव लड़ने से रोकने की कवायद शुरू हो गई है। सामाजिक कार्यकर्ता तहसीन पूनावाला के बाद अब मालेगांव धमाके के पीड़ित के पिता ने महाराष्ट्र के एनआईए कोर्ट में याचिका दायर करके साध्वी की जमानत पर सवाल उठाए हैं।
एनआईए कोर्ट में दायर की गई याचिका में कहा गया है कि साध्वी प्रज्ञा को कोर्ट ने स्वास्थ्य कारणों के चलते जमानत दी थी, तो ऐसे में वह भोपाल से लोकसभा का चुनाव कैसे लड़ सकती हैं।
वहीं, दूसरी ओर बीजेपी साध्वी प्रज्ञा की छवि और हिंदुत्व के एजेंडे को भुनाने के लिए पूरी तरह तैयारी कर ली है। बीजेपी प्रवक्ता तेजेंदर पाल सिंह बग्गा ने दिल्ली बीजेपी दफ्तर के बाहर एक पोस्टर लगवाया है, जिसमें प्रज्ञा बीमार हालत में दिखाई दे रही है साथ में पोस्टर पर तंज करते हुए कांग्रेस का नारा ‘अब होगा न्याय’ लिखा है।
प्रज्ञा सिंह को भोपाल से प्रत्याशी बनाये जाने के बाद से ही राजनीति में कोहराम मचा हुआ है। बीजेपी पर उंगलियाँ उठ रही है। हिन्दुत्व कार्ड खेलने के लिए पार्टी ने आतंकवाद की आरोपी को मोहरा बनाया है। लेकिन इस पर न तो पार्टी के मन में कोई दुविधा है और न ही साध्वी के।बीजेपी ने साध्वी को कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ मैदान में उतरा है।
गरीबी पर वार होगा, सपना ये साकार होगा।
कांग्रेस सरकार में, सशक्त गरीब परिवार होगा।।#AbHogaNYAY pic.twitter.com/sBlf5ITnHY— Congress (@INCIndia) April 7, 2019
कांग्रेस का नारा अब होगा न्याय
लोकसभा चुनाव अभियान के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी का नारा ‘अब होगा न्याय’ लॉन्च कर चुके हैं। मीडिया और कांग्रेस की रैलियों में यह नारा काफी चर्चा में है। कांग्रेस नेताओं की माने तो ‘अब होगा न्याय’ न सिर्फ बेसिक मिनिमम इनकम स्कीम NYAY का वादा है बल्कि समाज के सभी वर्गों को न्याय मिलने की बात भी करता है। इसलिए कांग्रेस का कैंपन न्याय की अवधारणा के आसपास ही रहता। कांग्रेस के ‘अब होगा न्याय’ के नारे के जवाब में बीजेपी साध्वी प्रज्ञा की हिंदुत्व छवि को सामने रखकर बड़ा दांव खेला है।