न्यूज डेस्क
अब पछताए होत क्या…जब चिडिय़ा चुग गई खेत। वर्तमान हालात मे कश्मीरी नेताओं पर यह जुमला एकदम सटीक बैठ रहा है। बड़े ही सुनियोजित तरीके से मोदी-शाह ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 निष्प्रभावी कर दिया और कश्मीरी नेता हाथ मलते रह गए गए। और अब जब कश्मीर में जनजीवन सामान्य हो रहा है तो नजरबंद नेता आपस में लड़-भिड़ रहे हैं और अपना भड़ास निकाल रहे हैं।
पिछले एक सप्ताह से जम्मू-कश्मीर में करीब 600 राजनीतिक कार्यकर्ता और नेताओं को हिरासत में लिया गया था। हिरासत में लिए गए नेताओं में पूर्व मुख्यमंत्री पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती, नेशनल कांफ्रेंस के नेता व पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला शामिल हैं। मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक महबूबा मुफ्ती और उमर अबदुल्ला में झगड़ा हो गया है जिसकी वजह से उमर को दूसरी जगह शिफ्ट करना पड़ा। इन दोनों नेताओं के बीच लड़ाई का मुद्दा बीजेपी ही थी।
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द टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, झगड़े के दौरान दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर जम्मू-कश्मीर में बीजेपी को लाने का आरोप लगाया। एक अधिकारी के मुताबिक उमर अबदुल्ला ने महबूबा पर चिल्लाते हुए कहा कि उनके पिता मुफ्ती मोहम्मद ने 2015 से 2018 के बीच बीजेपी से साठ-गांठ की थी।
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इसके बाद पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने उमर को याद दिलाते हुए कहा कि उनके पिता फारूक अब्दुल्ला और अटल बिहारी वाजपेयी के बीच गठबंधन था। उन्होंने ये भी कहा कि तुम वाजपेयी की सरकार में एक जूनियर मिनिस्टर थे। इतना ही नहीं महबूबा ने उमर के दादा शेख अब्दुल्ला को भी मौजूदा हालात के लिए जिम्मेदार ठहराया।
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गौरतलब है कि इन दोनों नेताओं को हरि निवास में रखा गया था। उमर ग्राउंड फ्लोर में रह रहे थे, जबकि महबूबा पहली मंजिल पर थीं। फिलहाल झगड़े के बाद अब्दुल्ला को फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के गेस्ट हाउस में शिफ्ट कर दिया गया है। वहीं महबूबा अभी भी हरि निवास में ही हैं। ये वही जगह है, जिसे पहले मुख्यमंत्री आवास के तौर पर बनाया गया था और गुलाम नबी आजाद मुख्यमंत्री के रूप में यहां रहे भी थे, लेकिन बाद में यहां कोई नहीं रहा। बाद में इसे गेस्ट हाउस में बदल दिया गया।
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