जुबिली स्पेशल डेस्क
उत्तर प्रदेश की टीम रणजी ट्रॉफी अभी तक उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर सकी है। मोहम्मद कैफ की कप्तानी में उत्तर प्रदेश ने 2005-06 में लखनऊ में बंगाल को शिकस्त देकर पहली बार रणजी ट्राफी चैंपियन बनी थी लेकिन इसके बाद से यूपी की टीम रणजी के फलक पर अब तक उस तरह का कोई करिश्मा नहीं कर सकी है।
मोहम्मद कैफ की टीम में उस वक्त कई धाकड़ खिलाड़ी मौजूद थे। उनमें सुरेश रैना, आरपी सिंह, प्रवीन कुमार, पीयूष चावला तथा सुदीप त्यागी जैसे खिलाड़ी शामिल थे।
ये सभी खिलाड़ी मोहम्मद कैफ की तरह टीम इंडिया को खेले लेकिन वहीं टीम अब रणजी ट्रॉफी में संघर्ष करती नजर आ रही है। हालांकि यूपीसीए ने टीम के प्रदर्शन को सुधारने के लिए वक्त-वक्त पर टीम में बदलाव जरूर किये हैं लेकिन उसका ये बदलाव भी बेहतर परिणाम नहीं दे सके।
कप्तान से लेकर कोच तक बदलने में यूपीसीए ने देर नहीं की लेकिन इसके बावजूद रणजी ट्रॉफी में अब तक यूपी की टीम फिसड्डी साबित हो रही है।
इतना हीं नहीं कई बड़़े खिलाडिय़ों ने यूपी की टीम से किनारा किया और दूसरे राज्यों के खेलकर वहां पर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। मौजूदा सीजन की बात की जाये तो यूपी की टीम कमजोर हरियाणा की टीम से भी जीतना तो दूर की बात उसे फॉलोऑन तक खेलना पड़ा।
अब तक चार मैचों में उसे नागालैंड जैसी कमजोर टीम से जीत मिली है जबकि बंगाल और बड़ौदा से हार झेलनी पड़ी जबकि हरियाणा के खिलाफ उसे सिर्फ एक अंक नसीब हुए है। कुल आठ अंक के साथ यूपी की टीम पांचवें नम्बर है।
ऐसे में यूपी का आगे की राह और ज्यादा कठिन होने जा रही है। इतना ही नहीं उसे अब बचे हुए तीन मैचों में हर हाल में जीत दर्ज करनी नहीं तो उसका सफर थम जायेगा। यूपी का अगला मैच उत्तराखंड जैसी टीम से है। उत्तराखंड की टीम इस वक्त ग्रुप में टॉप पोजिशन पर है। उत्तरखांड ने चार मैच में तीन जीत दर्ज करते हुए कुल 20 अंक हासिल करते हुए नंबर वन बनी हुई है।
उत्तराखंड की टीम इस वक्त गजब की फॉर्म में है। ऐसे में दस जनवरी से शुरू हो रहे हैं मुकाबले में उत्तराखंड को रोकना यूपी के लिए आसान नहीं होगा। ये मैच लखनऊ के इकाना स्टेडियम पर खेला जाना है।
ऐसे में यूपी की टीम को उत्तराखंड और मौसम दोनों से लडऩा होगा। दरअसल यूपी में इस वक्त मौसम बेहद खराब है और हालात आने वाले दिनों में ऐसे ही हो सकते हैं। अगर मौसम की वजह मैच में खलल पड़ता है तो यूपी की राह और मुश्किल भरी हो जायेगी।