जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के टेस्टिंग क्षमता बढ़ाने के निर्देश पर चिकित्सा शिक्षा विभाग ने बड़ी पहल की है।
अब मेडिकल कॉलेजों और चिकित्सा संस्थानों में तिगुने से अधिक 1,64,000 कोरोना जांच रोजाना होगी। इसके लिए जरूरी संसाधनों के साथ 558 साइंटिस्ट, लैब टेक्निशियन, डेटा आपरेटर और लैब अटेंडेंट भी रखे जा रहे हैं।
इसी तर्ज पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग भी जांचों की क्षमता बढ़ा रहा है। इससे लोगों को कोरोना की जांच कराने में काफी आसानी होगी और पेंडेंसी भी खत्म होगी।
सीएम योगी कोरोना के खिलाफ लड़ाई की रोजाना टीम 11 के साथ समीक्षा कर जरूरी दिशा निर्देश दे रहे हैं। प्रदेश में 104 निजी प्रयोगशालाएं और 125 सार्वजनिक क्षेत्र की प्रयोगशालाएं कोरोना की जांच कर रही हैं और अब तक तीन करोड़ 84 लाख से अधिक टेस्ट हो चुके हैं।
18 अप्रैल को निजी प्रयोगशालाओं ने करीब 19 हजार से अधिक आरटीपीसीआर टेस्ट किए हैं। चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर मेडिकल कालेजों और संस्थानों में जांचों की क्षमता कई गुना बढ़ाई जा रही है।
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जरूरी संसाधनों और मैनपावर को भी बढ़ाया जा रहा है। फिलहाल, प्रदेश में मेडिकल कालेज और संस्थानों में रोजाना करीब 51,900 सैम्पल की जांच हो रही है। इसे बढ़ाते हुए रोजाना 1,64,000 जांच किया जा रहा है। इसके लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं।
ज्यादा जांच होने से संक्रमण को नियंत्रित करने में होगी आसानी
ज्यादा जांच होने से संक्रमण का जल्दी पता लगाया जा सकेगा और इसे नियंत्रित करने में आसानी होगी। साथ ही मरीजों की जांच के बाद आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी।
इसीलिए केजीएमयू, आरएमएल, एसजीपीजीआई, जिम्स नोएडा और मेरठ मेडिकल कॉलेज में रोजाना 12,000 जांच होनी है। रिम्स सैफई, एसएसपीएच ग्रेटर नोएडा, बीआरडी गोरखपुर, मेडिकल कालेज प्रयागराज, झांसी, कानपुर, आगरा में रोजाना 8000 जांच होनी है।
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इसके अलावा मेडिकल कालेज आजमगढ, कन्नौज, अम्बेडकरनगर, बांदा, बदायूं, सहारनपुर, जालौन और स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय अयोध्या, बस्ती, बहराइच, फिरोजाबाद और शाहजहांपुर में रोजाना 4000 सैम्पल की जांच होनी है।
24 संस्थानों में 28 करोड़ से ज्यादा की आएंगी मशीनें
चिकित्सा शिक्षा विभाग ने केजीएमयू, आरएमएल, एसजीपीजीआई, जिम्स नोएडा, रिम्स सैफई, एसएसपीएच ग्रेटर नोएडा, मेरठ मेडिकल कॉलेज, बीआरडी गोरखपुर, प्रयागराज, झांसी, कानपुर, आगरा, आजमगढ, कन्नौज, अम्बेडकरनगर, बांदा, बदायूं, सहारनपुर, जालौन और स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय अयोध्या, बस्ती, बहराइच, फिरोजाबाद और शाहजहांपुर में जांचें बढ़ाने के लिए संसाधनों में भी वृद्धि के आदेश दिए हैं।
इन संस्थानों में 12 करोड़ 45 लाख की 83 आरटीपीसीआर मशीनें, 14 करोड़ की 35 सेमी ऑटोमैटिक एक्सट्रैक्टर और एक करोड़ 61 लाख की 23 बायो सेफ्टी कैबिनेट खरीदी जाएंगीं।
इसके अलावा करीब सवा चार करोड़ की लागत से 29 आटो क्लेव, 29 डीप फ्रिजर 80 डिग्री, 29 डीप फ्रीजर 20 डिग्री और 29 फ्रीज भी खरीदी जाएगी। जांच बढ़ने से संसाधनों के साथ मैनपावर भी बढ़ाया जा रहा है।
इसके लिए 558 साइंटिस्ट, लैब टेक्निशियन, डेटा आपरेटर और लैब अटेंडेंट भी रखे जाएंगे। इन पर हर महीने 52 लाख से अधिक मानदेय के रूप में खर्च आएगा।