जुबिली न्यूज डेस्क
संसद में मंगलवार को केंद्र सरकार की ओर से यह दावा किया गया कि कोरोना की दूसरी लहर में देश के भीतर ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत दर्ज नहीं की गई।
सरकार के इस दावें के बाद अब एक-एक कर कई राज्य केंद्र सरकार के सुर में सुर मिलाते दिख रहे हैं। तमिलनाडु ने जहां मंगलवार को ही ये ऐलान कर दिया था कि उनके प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से किसी की जान नहीं गई तो वहीं अब मध्य प्रदेश और बिहार ने भी ऐसा ही दावा ठोका है।
इन राज्यों ने भी कहा है कि ऑक्सीजन की कमी ने उनके राज्यों में किसी की जान नहीं ली।
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तमिलनाडु स्वास्थ्य सचिव जे राधाकृष्ण ने कहा, ‘राज्य में कोई मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई है। हमने सरकारी और निजी अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन आपूर्ति रखी। ऑक्सीजन सप्लाई के लिए एक अलग से टीम है।’
वहीं तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री एम. सुब्रमणियम ने भी यही दावा किया और कहा कि उन्हें केंद्र से पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिली थी और इसलिए राज्य में ऑक्सीजन को लेकर कोई बड़ा फर्क नहीं पड़ा।
एमपी और बिहार ने क्या कहा?
मध्य प्रदेश के मेडिकल एजुकेशन मिनिस्टर विश्वास सारंग ने कहा कि उनके राज्य में ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई है।
वहीं बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने भी कहा, ‘कोरोना की दूसरी लहर के दौरान हमने दबाव के बावजूद बेहतर प्रबंधन किए। हमें केंद्र का सहयोग मिला और हमें मिलने वाले ऑक्सीजन की मात्रा में भी इजाफा किया गया। हमने सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन दिया। कांग्रेस लोगों की मदद नहीं करना चाहती। वे सिर्फ संसद में मुद्दे उठाती है।’
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मालूम हो कि स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने मंगलवार को बताया कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश से ऑक्सीजन के अभाव में किसी भी मरीज की मौत की खबर नहीं मिली है।
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महामारी की पहली लहर के दौरान, इस जीवन रक्षक गैस की मांग 3095 मीट्रिक टन थी जो दूसरी लहर के दौरान बढ़ कर करीब 9000 मीट्रिक टन हो गई।