Monday - 28 October 2024 - 1:32 AM

अब केरल कांग्रेस में मची कलह

जुबिली न्यूज डेस्क

पिछले कुछ सालों से कांग्रेस सिर्फ पार्टी में मची कलह की वजह से चर्चा में है। एक राज्य में कलह खत्म होता है तो दूसरे में शुरु हो जाता है। वहां ठीक रहा तो केंद्रीय स्तर पर फूट दिखने लगती है।

बीते कुछ दिनों से राजस्थान और पंजाब जैसे राज्यों में आंतरिक कलह से निपटने की कोशिशों में जुटी कांग्रेस को अब  दक्षिण के मोर्चे पर भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

अब केरल कांग्रेस में कलह की खबरें आ रही है। अब पार्टी के एक वर्ग का मानना है कि उन्हें साइडलाइन कर दिया गया है और हाईकमान की ओर से नजरअंदाज किया जा रहा है।

दरअसल नए बनाम पुराने की रस्साकशी में वरिष्ठï नेता खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।

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केरल में दो मई को आए चुनाव नतीजों में कांग्रेस की हार के बाद पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष ए. रामचंद्रन को पद से हटा दिया था। इसके अलावा विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला को भी हटाया गया है।

अब रमेश चेन्नीथला गुट के नेताओं का कहना है कि भले ही उन्हें पद से हटा दिया गया है, लेकिन उनकी विदाई सम्मानजनक नहीं रही है।

चेन्नीथला के समर्थकों का कहना है कि उन्हें सोनिया गांधी से मुलाकात के लिए समय नहीं मिला। यही नहीं नए प्रदेश अध्यक्ष और नेता विपक्ष को चुनने में भी कोई राय नहीं ली गई।

एक समर्थक ने कहा कि चेन्नीथला सम्मानजक विदाई के हकदार हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी या फिर राहुल गांधी की ओर से उन्हें बुलाया जा सकता था और यह बताते हुए हटने को कहा जा सकता था कि आखिर क्यों अब नए चेहरों की जरूरत है। यहां तक कि उनकी या फिर पूर्व सीएम ओमान चांडी की भी सलाह लिए बगैर सभी बदलाव कर दिए गए।

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रमेश चेन्नीथला.

इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के ज्यादातर विधायक-नेता रमेश चेन्नीथला को ही अपना नेता देखना चाहते थे। हालांकि एक अन्य नेता ने इसे गलत करार देते हुए कहा कि अधिकतर विधायक बदलाव के पक्ष में थे।

नेताओं से नाराजगी के बीच प्रदेश प्रभारी तारिक अनवर ने विधायकों, सांसदों और संगठन के नेताओं से बातचीत की है। प्रदेश में चेन्नीथला की जगह पर अब वीडी सतीशन को नेता विपक्ष बनाया गया है तो वहीं के. सुधाकरण को नेता विपक्ष की जिम्मेदारी दी गई है। वह कॉलेज में सीएम पिनराई विजयन के जूनियर रहे हैं।

राहुल गांधी के लिए भी चिंता की बात

केरल कांग्रेस नेताओं का कहना है कि चेन्नीथला की उम्र 65 साल ही है और अब भी उनमें राजनीतिक दम बाकी है। लेकिन सवाल यह है कि उन्हें कौन सभी भूमिका में रखा जाए।

फिलहाल प्रदेश में यूडीएफ गठबंधन के संयोजक का पद रिक्त है, लेकिन इसके लिए पूर्व सीएम के. करुणाकरण के बेटे के. मुरलीधरण को रेस में सबसे आगे माना जा रहा है।

केरल में पैदा हुआ यह संकट इसलिए भी कांग्रेस की चिंताएं बढ़ाने वाला है क्योंकि खुद राहुल गांधी इसी प्रदेश की वायनाड सीट से लोकसभा के सांसद हैं। ऐसे में उनकी भूमिका को लेकर भी चिंता पैदा होती है।

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