जुबिली न्यूज डेस्क
तमिलनाडु में अब राज्यपाल विश्वविद्यालयों में कुलपति नियुक्त नहीं कर सकेंगे। उनसे यह अधिकार राज्य सरकार ने छीन लिया है। अब स्टालिन की सरकार विश्वविद्यालयों के कुलपतियों का चयन कर सकेगी।
इससे संबंधित विधानसभा में सोमवार को एक प्रस्ताव पास किया गया। विधानसभा में राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री के पोनमुडी ने जब यह बिल पेश किया तो भाजपा के विधायकों ने वॉकआउट कर दिया।
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वहीं विधायकों से सीएम एमके स्टालिन ने इस बिल के समर्थन में वोट देने को कहा। साथ ही उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के गृह राज्य गुजरात में भी राज्य सरकार ही कुलपतियों का चयन करती है, राज्यपाल नहीं।
इस बिल का पहले भाजपा ने विरोध किया और इसके बाद एआईडीएमके के विधायकों ने भी सदन से वॉकआउट कर दिया।
मालूम हो कि इससे पहले तमिलनाडु की विधानसभा में मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट के विरोध में भी प्रस्ताव पारित किया गया था, लेकिन राज्यपाल और राष्ट्रपति की तरफ से यह प्रस्ताव खारिज कर दिए गये थे।
बता दें कि यूनिवर्सिटी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट का भी राज्य सरकार ने विरोध किया। जबसे राज्य में एमके स्टालिन की सरकार बनी है सरकार केंद्र सरकार की प्रणालियों को चुनौती देती रही है।
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