जुबिली न्यूज डेस्क
हाल ही में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भारत पर अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल करके पाकिस्तान के खिलाफ ‘हाइब्रिड युद्ध’ में शामिल होने का आरोप लगाया थे।
इमरान के बाद ऐसा ही आरोप पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने भारत पर लगाया है। हालांकि भारतीय विदेश मंत्रालय पहले ही पाकिस्तान के इन आरोपों का खंडन कर चुका है।
राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के कार्यालय से जारी एक बयान में भारत पर चरमपंथी गतिविधियों में शामिल होने का भी आरोप लगाया गया है, जिसमें हाल ही में पाक के लाहौर शहर के जोहर टाउन में हाफिज सईद के घर के बाहर हुए धमाके में भी भारत के समर्थन का आरोप है।
हाफिज सईद 2008 मुंबई हमले के मुख़्य साजिशकर्ता हैं और प्रतिबंधित संगठन जमात उद दावा के प्रमुख हैं।
राष्ट्रपति अल्वी के कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि भारत, पाकिस्तान को अस्थिर करने के लिए देश में चरमपंथी गतिविधियों करवा रहा है।
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भारत ने क्या कहा?
वहीं पाक कि इन आरोपों का खंडन करते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि पाकिस्तान में हुए चरमपंथी हमलों में भारत का हाथ होने का कथित ‘सबूत’ होने का दावा कल्पना मात्र है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान की रणनीति से अवगत है और इस्लामाबाद के ‘टेरर स्पॉन्सरशिप’ की बात किसी और ने नहीं बल्कि उनके खुद के लीडरशिप ने स्वीकार की है।
विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया था, “यह भारत के खिलाफ एक और बेकार प्रयास है। भारत के खिलाफ सुबूत होने के तथाकथित दावों में कोई सच्चाई नहीं है। यह पूरी तरह से मनगढंत और कल्पना है।”
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मालूम हो इससे पहले भारत के विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने नवंबर में यह बात तब कही थी जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भारत पर आरोप लगाया था कि उनके देश में हुए कुछ चरमपंथी हमलों के पीछे भारत का हाथ है।
बलूचिस्तान पर 7वीं नेशनल वर्कशॉप के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए अल्वी ने यह भी कहा कि भारत अपने बुरे इरादों में कामयाब नहीं होगा क्योंकि पाकिस्तानी की सशस्त्र सेना हर तरह की चुनौती पर काबू पाने में सक्षम है।
बलूचिस्तान के संदर्भ में उन्होंने कहा कि सरकार प्रांत के सामाजिक और आर्थिक उत्थान को लेकर गंभीर है ताकि इसे देश के अन्य प्रांतों के बराबर लाया जा सके।