न्यूज डेस्क
केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास (एचआरडी) मंत्रालय ने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को एक दिशा-निर्देश जारी किया है जिसका विरोध शुरु हो गया है। एचआरडी मंत्रालय की मंशा पर सवाल उठाया जा रहा है।
दरअसल केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय ने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को निर्देश दिया है कि सभी छात्रों के ट्विटर / फेसबुक/ इंस्टाग्राम अकाउंट्स को केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय के सोशल मीडिया अकाउंट्स से जोड़े।
इस दिशा निर्देश के साथ ही शैक्षिक विभागों में यह सवाल उठने लगा है कि क्या एचआरडी मंत्रालय का यह कदम छात्रों के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर नजर रखने का केंद्र सरकार का प्रयास है।
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मंत्रालय के इस कदम का विरोध शुरु हो गया है और कई प्रबुद्ध लोगों ने इसे बकवास बताया है। लोगों ने साफतौर पर इसे छात्रों के व्यक्तिगत जीवन पर निगरानी रखने का सरकार का प्रयास बताया है।
हालांकि मानव संसाधन मंत्रालय ने इस पर सफाई देते हुए कहा है कि सरकार की छात्रों को सर्विलांस में रखने जैसी कोई मंशा नहीं है। एचआरडी मंत्रालय ने इन दिशानिर्देशों को सभी उच्च शिक्षण संस्थानों के सभी प्रमुखों को एक पत्र जारी किया है।
क्या है मंत्रालय का दिशा-निर्देश
द टेलीग्राफ में प्रकाशित खबर के मुताबिक, एचआरडी मंत्रालय की इस मुहिम के तहत देशभर के करीब 900 विश्वविद्यालयों और 40 हजार कॉलेजों के तीन करोड़ से अधिक छात्रों के सोशल मीडिया अकाउंट्स को मंत्रालय से जोडऩे की योजना है।
पत्र में लिखे निर्देशों के अनुसार, सभी शिक्षण संस्थान ऐसे लोगों को चुनेंगे जो सोशल मीडिया चैम्पियंस (एसएमसी) कहलाएंगे। इन सोशल मीडिया चैम्पियंस का काम होगा की ये सभी विश्वविद्यालयों की सकारात्मक बातों का प्रचार करेंगे। एसएमसी संस्थान की फैकल्टी या नॉन फैकल्टी में से हो सकते हैं।
इसके साथ ही इन सोशल मीडिया चैंपियंस को इसके लिए शिक्षण संस्थान का फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर अकाउंट बनाना और ऑपरेट कराना होगा। इन सभी अकाउंट्स को मानव संसाधन मंत्रालय और दूसरे उच्च शिक्षण संस्थानों के साथ जोड़ा जाएगा।
उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों के सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स (फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम) को इंस्टीट्यूट और मानव संसाधन मंत्रालय के साथ जोड़ा जाएगा।
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हर हफ्ते सोशल मीडिया पर संस्थान से जुड़े किसी एक की सकारात्मक स्टोरी (कार्यक्रम, उपलब्धि) को शेयर करना होगा और दूसरे शिक्षण संस्थानों की सकारात्मक स्टोरी को रीट्वीट और शेयर करना होगा जिससे शिक्षक और छात्र उनसे सीख ले सकें।
31 जुलाई 2019 तक का दिया समय
सभी संस्थानों को उनके सोशल मीडिया चैम्पियन की जानकारी जमा कराने के लिए 31 जुलाई 2019 तक का समय दिया गया है। इसमें नाम, पद, मोबाइल नंबर, इमेल आईडी और ट्विटर अकाउंट का लिंक शामिल हैं।
वहीं, उच्च शिक्षा विभाग के सचिव आर सुब्रह्मण्यम ने सोमवार को इस मुद्दे पर कहा है कि इसके पीछे छात्रों को निगरानी में रखने जैसी कोई गलत मंशा नहीं है। यह सिर्फ सभी शिक्षण संस्थानों को एक दूसरे से जोड़ने के लिए है।
एचआरडी मंत्रालय ने कहा, ‘यह अच्छे कामों को शेयर करने और एक-दूसरे के अच्छे प्रदर्शन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से किया गया है। यह केवल अच्छी खबरें साझा करने के लिए है। यह अनिवार्य न होकर वैकल्पिक है। अगर कोई अपना सोशल अकाउंट नहीं जोड़ना चाहता है तो वह स्वतंत्र है।’
उसने कहा, ‘सोशल मीडिया को समझने वाले यह जानते हैं कि ट्विटर हैंडल साझा करने से उनके अकाउंट की जानकारी नहीं हासिल की जा सकती है। यह सामान्य जानकारी है।’