धीरेन्द्र अस्थाना
लखनऊ। घरों से निकलने वाले सूखे कूड़े के बेहतर निस्तारण के लिए नगर निगम की ओर से अनोखा कदम उठाने की तैयारी हो रही है। इस कदम के अंतर्गत नगर निगम की ओर से खुद कबाड़ियों के माध्यम से घरों से निकलने वाले सूखे कूड़े को खरीदने की तैयारी की जा रही है।
वहीं गीले कचरे को घर- घर जाकर लेने की व्यवस्था पहले की तरह लागू रहेगी। मिली जानकारी के अनुसार जल्द ही यह योजना लागू की जाएगी। घरों से कूड़ा कलेक्शन की जिम्मेदारी ईकोग्रीन कंपनी के पास है। अक्सर शिकायतें मिलती हैं कि घरों से रोज कूड़ा कलेक्ट नहीं होता, जिससे सड़क किनारे या फिर खाली प्लॉट में कूड़ा फेंकना पड़ता है।
घरों से सूखा कूड़ा अधिक निकलता है, इसका निस्तारण ठीक से करना जरूरी है। इसे ध्यान में रखते हुए यह योजना तैयार की जा रही है। तो अब ये कहना गलत नहीं होगा कि आपके घर का सूखा कूड़ा (कबाड़) अब नगर निगम के कबाड़ियों को देना होगा।
घरों से गीले से अधिक सूखा कूड़ा बाहर आता है। निगम प्रशासन का प्रयास है कि सूखे कूड़े का मौके पर ही निस्तारण हो। एक तरफ तो निगम प्रशासन की ओर से कबाड़ियों के माध्यम से घरों से निकलने वाले सूखे कूड़े को खरीदा जाएगा, वहीं घर- घर जाकर लोगों को जागरुक किया जा रहा है कि सूखे कूड़े को वह खुद किस तरह निस्तारित कर सकते हैं।
सूखे कूड़े की समस्या के निस्तारण की तैयारी, हर जोन में खुलेंगे दो एमआरएफ सेंटर, निगम लगाएगा रेट चार्ट
यह है योजना
निगम की ओर से कूड़ा खरीदने के लिए हर वार्ड या जोन में दो- दो एमआरएफ सेंटर बनाए जाएंगे। यहां जाकर कोई भी व्यक्ति घर से निकला सूखा कूड़ा बेच सकेगा।
निगम से तय होगा रेट
अब सवाल यह उठता है कि लोग सेंटर में जाकर कूड़ा क्यों बेचेंगे। इसके लिए निगम की ओर से योजना तैयार की जा रही है कि गलियों से गुजरने वाले कबाड़ियों के रेट से सेंटर्स में रेट अधिक रखे जाएंगे। जिससे लोग यहां आकर घरों का सूखा कूड़ा दें।
कबाड़ियों की चल रही तलाश
इस व्यवस्था को जल्द शुरू करने के लिए निगम प्रशासन की ओर से हर जोन में कबाड़ियों को चिन्हित करने के प्रयास शुरू हो गए हैं। जिन कबाड़ियों को सेंटर्स की जिम्मेदारी दी जाएगी, उनका बकायदा निगम में रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा। जिससे वह कोई खेल न कर सकें और लोगों के किसी तरह कि कोई समस्या न बने।
खास बात
- शहर में 5 लाख 40 हजार घर
- लखनऊ नगर निगम में 110 वार्ड
- शहर में 1300 मीट्रिक टन कूड़ा रोज निकलता
- एक घर से औसतन 70 से 75 फीसदी सूखा कूड़ा निकलता
निगम के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं
सूखे कूड़े के निस्तारण का दूसरा कोई विकल्प नहीं बचा है। समय के साथ घरों से निकलने वाले सूखे कूड़े का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। जिससे उसके निस्तारण में समस्या आ रही है। कबाड़ियों के माध्यम से कूड़ा खरीदने के बाद निगम की ओर से तीन से चार तरीकों से कूड़े का निस्तारण कराया जाएगा।
सूखे कूड़े के उचित निस्तारण के लिए यह योजना तैयार की जा रही है। निश्चित रूप से इस कदम से अच्छा रिस्पांस सामने आएगा। जल्द ही इस योजना को लागू किया जाएगा।
डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त