जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भले ही चुनाव होने में थोड़ा वक्त हो लेकिन राजनीतिक दल कोरोना काल में भी सक्रिय नजर आ रहे हैं। यूपी में अगली सरकार किसकी होगी ये तो आने वाला वक्त बतायेगा लेकिन बीजेपी को रोकने के लिए सपा अभी से तैयारी में जुट गई है। हालांकि कांग्रेस भी किसी से कम नजर नहीं आ रही है।
दरसअल कांग्रेस जहां केंद्र में मोदी सरकार को घेर रही है तो दूसरी ओर योगी सरकार को लेकर अजय कुमार लल्लू ने मोर्चा खोल रखा है। हालांकि सपा और कांग्रेस दोनों एक साथ योगी पर हमला बोल रहे हैं। जरूरत पडऩे पर मोदी सरकार की खराब नीतियों को खूब उजारगर किया जाता है।
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सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कई मौकों पर सरकार को घेरा है। अखिलेश यादव कोरोना के मामले में योगी सरकार की खराब रणनीति की तीखी आलोचना कई मौकों पर कर चुके हैं। अब अखिलेश की राह पर शिवपाल भी चल पड़े हैं। सपा से अलग हो चुके शिवपाल यादव का सपा प्रेम कम होने का नाम नहीं ले रहा है।
इस वजह से शिवपाल कई मौकों पर सपा के एकजुट होने की बात जरूर करते हैं। हालांकि अभी सपा से इसपर कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
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उन्होंने कल अखिलेश की तरह योगी-मोदी दोनों को घेरने की कोशिश की है। शिवपाल इटावा में एक कार्यक्रम के दौरान योगी सरकार और केंद्र सरकार पर तगड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि दोनों सरकारों ने जनता को उसके हाल पर छोड़ दिया है। कोरोना से बचाव के उपायों को ताक पर रख दिया है। इस महामारी और सरकार की उपेक्षा से देश में दिनों दिन हालात भयावह होते जा रहे हैं।
शिवपाल यहीं नहीं रूके उन्होंने आगे कहा कि जब देश में 100-500 कोरोना के केस थे, तब तो पूरा देश लॉकडाउन में था। अब रोज 90 हजार लोग कोरोना के शिकार हो रहे, तब सरकार हाथ पर हाथ रखे बैठी है। अस्पतालों में मरीजों का अनुभवहीन चिकित्सकों से इलाज करवाया जा रहा।
कोरोना संक्रमितों की ज्यादातर मौतें अन्य रोगों से हो रहीं हैं। क्योंकि, सिर्फ कोरोना का इलाज एक ढर्रे के अनुसार हो रहा है। अन्य रोगों की ओर न तो सरकार का ध्यान जा रहा और न ही समुचित इलाज हो रहा है।
शिवपाल का यह बयान इसलिए अहम माना जा रहा है कि क्योंकि उनपर आरोप लगता रहा है कि उनकी पार्टी बीजेपी की बी टीम है। हालांकि शिवपाल ने इसपर कड़ा ऐतराज जताया था और कहा था कि अगले चुनाव में बीजेपी को सत्ता से हटाना उनका लक्ष्य है।