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नई दिल्ली। पेट्रोल पंप से पर्यावरण पर प्रतिकूल असर पड़ने को लेकर चिंतित देश के शीर्ष प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने तेल विपणन कंपनियों को सुनिश्चित करने को कहा है कि पेट्रोल पंप स्कूलों, अस्पतालों और रिहाइशी इलाके से कम से कम 50 मीटर की दूरी पर होने चाहिए।
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राष्ट्रीय हरित अधिकरण के निर्देशों के आलोक में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पिछले सप्ताह नए कुछ दिशा-निर्देश जारी किए। तेल कंपनियों को ऐसे नए पेट्रोल पंपों पर वैपर रिकवरी सिस्टम (VRS) भी लगाने का निर्देश दिया है, जहां प्रति महीने 300 किलो लीटर मोटर स्प्रिट बिकने की संभावना है।
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निर्देश में कहा गया कि वीआरएस नहीं लगाने पर राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड वीआरएस की कीमत के समतुल्य पर्यावरण हर्जाना लगाएगा और पालन नहीं करने पर उसी अनुपात में हर्जाना बढ़ता जाएगा।
आईआईटी कानपुर, राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (नीरी), टेरी, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय और सीपीसीबी के सदस्यों वाली एक विशेषज्ञ समिति ने देश में नए पेट्रोल पंप लगाने के लिए दिशानिर्देश तय किए हैं।
एनजीटी के निर्देश पर विशेषज्ञ कमेटी का गठन किया गया था। निर्देश के मुताबिक, खुदरा विक्रय केंद्र स्कूल, अस्पतालों (10 बेड या अधिक) और रिहाइशी इलाके से 50 मीटर के दायरे में नहीं होने चाहिए।