जुबिली न्यूज डेस्क
शिव सेना सांसद संजय राउत ने शुक्रवार को संसद में रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्नब गोस्वामी का मामला संसद में उठाया। उन्होंनें राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते यह मामला उठाया।
संजय राउत ने इस मौके पर मोदी सरकार पर सीधा हमला बोला। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि धर्मेंद्र प्रधान कह रहे थे कि सच सुना करो उससे मोक्ष की प्राप्ति होती है। हम तो छह साल से सच सुन रहे हैं और झूठ को भी सच मान रहे हैं, लेकिन आज जो देश में माहौल है उसमें जो सच बोलता है उसे गद्दार और देशद्रोही कहा जाने लगता है।
राउत ने कहा कि अब आलम यह है कि जो सरकार से सवाल पूछेगा उस पर देशद्रोह का मुकदमा लगा दिया जाएगा। हमारे सदन के साथी संजय सिंह पर देशद्रोह का मुकदमा है। जाने-माने पत्रकार राजदीप सारदेसाई, जिसे सरकार ने पद्मश्री दिया है उस पर देशद्रोह का मुकदमा लगा दिया है। सांसद शशि थरूर, जिन्होंने यूएन में भारत के लिए काम किया, उन पर भी देशद्रोह का मुकदमा लगा दिया गया है। इतना ही नहीं सिंघु बॉर्डर पर रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों के साथ भी ऐसा ही किया गया है।
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शिवसेना सांसद ने कहा कि हमारे कानून की किताब से आईपीसी की सारी धाराएं खत्म कर दी गई हैं और केवल देशद्रोह का कानून रखा गया है। उन्होंने कहा कि मोदी को प्रचंड बहुमत मिला है, हम इस बात को मानते हैं, लेकिन बहुमत अहंकार से नहीं चलता है। बहुमत बड़ा चंचल होता है।
राउत ने कहा कि हमारे मराठी के संत तुकाराम ने कहा है कि जो आपका निंदक है उसे आसपास रहना चाहिए, लेकिन आज के समय में जो भी सरकार की आलोचना करता है उसे बदनाम कर दिया जाता है।
राउत ने कहा कि गणतंत्र दिवस के मौके पर हमारे तिरंगे का अपमान हुआ और हमारे प्रधानमंत्री दुखी हुए। पूरा देश दुखी हो गया, लेकिन लाल किले पर तिरंगे का अपमान करना वाला किसका आदमी है? इस बात पर ये चुप रहते हैं।
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उन्होंने कहा कि दीप सिद्धू अभी तक क्यों नहीं पकड़ा गया? 200 से ज़्यादा किसानों को जेल में बंद कर दिया गया है। हमारे देश में अभी देश प्रेमी केवल अर्नब गोस्वामी है, जिसकी वजह के एक निर्दोष आदमी को महाराष्ट्र में आत्महत्या करनी पड़ी। कंगना रनौत देशप्रेमी है।
उन्होंने कहा कि अर्नब गोस्वामी ने बालाकोट की जानकारी सबको पहले ही बता दी और उसे सरकार की सुरक्षा मिली हुई है। यही अर्नब गोस्वामी ने हमारे मंत्री प्रकाश जावडेकर के बारे में क्या नहीं लिखा है। प्रकाश के बारे में उसने जिस भाषा का इस्तेमाल किया है उस हम सबको शर्म आनी चाहिए।
संजय राउत ने कहा कि जब सिखों ने मुगलों से लड़ाई की तो उन्हें देशभक्त कहा गया, अंग्रेजों से लड़ा तो देशभक्त कहा गया और अब अपने हको के लिए लड़ रहे हैं तो उन्हें खालिस्तानी कहा जा रहा है।
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