जुबिली स्पेशल डेस्क
भारतीय राजनीति में लगातार घमासान देखने को मिल रहा है। लोकसभा सचिवालय की एक और एडवाइजरी को लेकर भारतीय राजनीति में एक बार फिर राजनीतिक सरगर्मी लगातार बढ़ गई। संसद भवन के पास अब किसी तरह का धरना,हड़ताल,भूख हड़ताल नहीं हो सकती है। इसके आलावा कोई धार्मिक कार्यक्रम भी वहां नहीं आयोजित किये जा सकते हैं।
इस पूरे मामले पर विपक्ष भडक़ गया है। इससे जुड़ा एक आदेश शेयर करते हुए कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरा है. शेयर किये गए आदेश के मुताबिक, संसद भवन के परिसर में कोई सदस्य धरना, हड़ताल, भूख हड़ताल नहीं कर सकेगा। इसके साथ-साथ कोई धार्मिक कार्यक्रम भी वहां नहीं आयोजित हो सकेगा। इस फैसले पर विपक्ष भडक़ गया है।
अब एक और नया आदेश लोकसभा सचिवालय की तरफ से आया है। इस आदेश में बताया गया है कि मानसून सत्र के दौरान सदन में पैंफलेट्स, लीफलेट्स या प्लेकार्ड्स के बांटने पर रोक लगा दी गई है। यह एडवाइजरी ऐसे समय जारी हुई है जब संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन और धरना देने पर पाबंदी लगाने को लेकर विपक्ष हमलावर है।
We condemn the dictatorial order stating that MPs cannot conduct protest actions in Parliament. MPs routinely conduct protest actions to make their point of view on crucial matters concerning our people. This has been their democratic right since Parliament began functioning. pic.twitter.com/B0edJuf41G
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) July 15, 2022
माकपा नेता सीताराम येचुरी ने इस मुद्दे पर ट्वीट कर सरकार की आलोचना की और कहा कि यह लोकतंत्र की आवाज दबाने का प्रयास है। उन्होंने ट्वीट किया, “जितनी निकम्मी सरकार, उतनी ही डरपोक। लोकतंत्र का मखौल उड़ाया जा रहा है, इस तरह के तानाशाही आदेश निकाल कर। संसद भवन परिसर में धरना देना सांसदों का एक राजनीतिक अधिकार है, जिसका हनन हो रहा है।”