जुबिली न्यूज डेस्क
एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी अब राजस्थान में कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ाने वाले हैं। ओवैसी ने राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव लडऩे का ऐलान कर दिया है।
ओवैसी के इस ऐलान से जहां कांग्रेस की परेशानी बढऩी तय है, वहीं यह भाजपा को कुछ हद तक फायदा भी पहुंचा सकता है। तो चलिए जानते हैं आखिर ओवैसी के इस कदम का राजस्थान के 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव पर क्या असर होगा…
कांग्रेस की बढ़ेगी परेशानी
पिछले कुछ दिनों पहले खत्म हुए विधानसभा उप चुनाव में बीजेपी को दोनों सीटों पर हराने के बाद कांग्रेस में एक एक किस्म के उत्साह का संचार हुआ था, लेकिन सोमवार को ओवैसी द्वारा विधानसभा चुनाव 2023 में लडऩे की घोषणा ने कांग्रेस की पेशानी पर बल जरूर पैदा कर दिया है।
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राजनीतिक पंडितों का मानना है कि औवैसी की पार्टी के चुनाव लडऩे से कांग्रेस के वोट बैंक में बिखराव होना तय है। राजनीतिक विश्लेषकों का यह भी कहना है कि यहां पर ओवैसी की पार्टी तीसरी ताकत के रूप में उभर सकती है।
राजस्थान में मुस्लिम वोटों का गणित
दरअसल ओवैसी का कोर बेस मुस्लिम वोटर हैं। वह उन्हीं सीटों पर अपने प्रत्याशियों को उतारते हैं जहां मुस्लिम वोट फैक्टर असरदार होता है।
यदि राजस्थान की बात करें तो आंकड़ों के अनुसार यहां पर 9 फीसदी मुस्लिम आबादी है। यह नौ फीसदी मुस्लिम आबादी राजस्थान की 36 सीटों पर असर डालती है।
इनमें भी 15 सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम मतदाताओं का वर्चस्व है। इसमें भी करीब 8 से 10 सीटों पर मुस्लिम वोटर उम्मीदवारों की हार और जीत तय करने का माद्दा रखते हैं।
इस बात की पूरी संभावना है कि ओवैसी की निगाह इन्हीं सीटों पर है। इन सीटों में टोंक, टोंक नॉर्थ, जयपुर में हवामहल और लक्ष्मणगढ़ में सीकर भी शामिल हैं।
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जानिए पिछले चुनाव का हाल
अब जरा पिछले विधानसभा चुनाव और उसमें मुस्लिम उम्मीदवारों की स्थिति के बारे में भी बात कर लेते हैं। 200 विधानसभा सीटों वाले राजस्थान में कुल 8 मुस्लिम विधायक हैं।
2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने कुल 15 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया था, जिनमें से सात ने जीत हासिल की थी। एक मुस्लिम उम्मीदवार ने बसपा के टिकट पर चुनाव जीता था।
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वहीं भाजपा ने केवल एक मुस्लिम उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतारा था और वह जीत हासिल कर पाने में नाकाम रहे थे।
ओवैसी ने राजस्थान में कांग्रेस पर मुसलमानों के साथ सही ढंग से व्यवहार न होने की बात कही है। कांग्रेस विधायकों को उन्होंने शो-पीस बताया है। साथ ही यह भी कहा है कि कांग्रेस ने यहां के 30 से 40 फीसदी मुस्लिम उम्मीदवारों को धोखा दिया है।