जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा रद करने पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने चिंता जताई है। सोमवार को उन्होंने कहा कि पेपर लीक होने से परीक्षा का रद्द होना अति गंभीर और चिंतनीय है। इससे राज्य और सरकार की बड़ी बदनामी है। युवाओं और बेरोजगारों का भविष्य खराब होकर उनका जीवन दांव पर लग जाता है। यूपी आखिर कब पेपर लीक मुक्त प्रदेश होगा? सरकार इस ओर ध्यान दे।
आपको बता दें कि सपा और कांग्रेस भी पेपर लीक के मुद्दे पर योगी सरकार को घेर चुकी हैं। गौरतलब है कि यूपी भर्ती परीक्षा में करीब 50 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे। इनमें कई दूसरे राज्यों से भी थे। पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले की जांच कर रही उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स ने मामले में पहली गिरफ्तारी की है।
एसटीएफ ने रविवार को नीरज यादव नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया, जिसने अभ्यर्थियों को वॉट्सऐप पर उत्तर भेजे थे। यादव बलिया के रहने वाले हैं। नीरज को मथुरा के एक अन्य आरोपी से जवाब भेजा गया था। एसटीएफ अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने दूसरे आरोपी पर भी ध्यान केंद्रित करना शुरू कर दिया है।
छह महीने के भीतर दोबारा होगी परीक्षा
दो दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस भर्ती परीक्षा को रद्द करने का आदेश दिया था और विशेष कार्य बल को पेपर लीक के सभी आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया था। उन्होंने अधिकारियों को विशेष यूपीएसआरटीसी बसों का उपयोग करके उम्मीदवारों को मुफ्त में परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने का काम सौंपा। साथ ही अगले छह महीनों के भीतर फिर से परीक्षा आयोजित करने का आदेश दिया।
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17 और 18 फरवरी को हुई थी परीक्षा
यूपी पुलिस सिपाही के 60,400 से अधिक पदों के लिए दो दिनों में आयोजित परीक्षा की चार पालियों में 50 लाख आवेदकों में से 43 लाख से अधिक उम्मीदवार परीक्षा में शामिल हुए थे। कुल मिलाकर, राज्य के बाहर से छह लाख से ज्यादा छात्रों ने 17 और 18 फरवरी को आयोजित परीक्षा में भाग लिया था। पेपर लीक का आरोप लगाते हुए लखनऊ और कुछ अन्य स्थानों पर अभ्यर्थियों के विरोध प्रदर्शन के बाद शुक्रवार को एफआईआर दर्ज की गई।