जुबिली पोस्ट ब्यूरो
नई दिल्ली। राज्यसभा ने देश में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के मकसद से सड़क सुरक्षा के लिए कठोर प्रावधानों वाले मोटर यान (संशोधन) विधेयक-2019′ को मंजूरी दे दी। राज्यसभा ने विधेयक को चर्चा के बाद 13 के मुकाबले 108 मतों से पारित कर दिया।
विधेयक पर लाए गए विपक्षी सदस्यों के संशोधन प्रस्तावों को ध्वनिमत से खारिज कर दिया गया। यह विधेयक गत सप्ताह लोकसभा में पारित हुआ था। किंतु विधेयक में ‘मुद्रण की कुछ मामूली त्रुटि’ रह जाने के कारण सरकार को उसे ठीक करने के लिए तीन संशोधन लाने पड़े।
इन संशोधनों के कारण अब यह विधेयक फिर से लोकसभा में जाएगा। उच्च सदन में विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने स्पष्ट किया कि सरकार का मोटर यान संशोधन विधेयक के माध्यम से राज्यों के अधिकार में दखल देने का कोई इरादा नहीं है।
इसके प्रावधानों को लागू करना राज्यों की मर्जी पर निर्भर है और केंद्र की कोशिश राज्यों के साथ सहयोग करने, परिवहन व्यवस्था में आमूलचूल बदलाव लाने और दुर्घटनाओं को कम करने की है।
गडकरी ने कहा कि वाहनों की खरीद की स्थिति में उसके पंजीकरण का काम डीलर को देने से राज्यों को राजस्व का कोई नुकसान नहीं होगा क्योंकि कर का पैसा सीधा राज्य सरकारों के खाते में ऑनलाइन पद्धति से जमा किया जाएगा।
गडकरी ने कहा कि देश में सड़कों पर 14 हजार से अधिक ‘ब्लैक स्पॉट’ का पता चला है और इसके लिए 14 हजार करोड़ रुपए की परियोजना बनाई गई है। गडकरी ने स्वीकार किया कि बतौर मंत्री पिछले पांच सालों में उनकी एकमात्र नाकामी सड़क हादसों में कमी नहीं ला पाना है।
उन्होंने कहा कि तमाम प्रयासों के बावजूद वह सड़क हादसों में उम्मीद के मुताबिक कमी नहीं ला पाए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में तमिलनाडु ने बहुत अच्छा काम किया है और इसका हम पूरे देश में अनुकरण करेंगे।
विधेयक में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए ये कठोर प्रावधान रखे
- किशोर नाबालिगों द्वारा वाहन चलाना, बिना लाइसेंस, खतरनाक ढंग से वाहन चलाना, शराब पीकर गाड़ी चलाना, निर्धारित सीमा से तेज गाड़ी चलाना और निर्धारित मानकों से अधिक लोगों को बैठाकर अथवा अधिक माल लादकर गाड़ी चलाने जैसे नियमों के उल्लंघन पर कड़े जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
- एंबुलेंस जैसे आपातकालीन वाहनों को रास्ता नहीं देने पर भी जुर्माने का प्रस्ताव किया गया है। एंबुलेंस जैसे आपातकालीन वाहनों को रास्ता नहीं देने पर ड्राइवर को 10 हजार रुपए का जुर्माना देना होगा।
- अयोग्यता के बावजूद वाहन चलाने पर 10,000 का जुर्माना। ड्राइविंग लाइसेंस का उल्लंघन करने वाले टैक्सी एग्रीगेटर्स पर 1 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान है।
- तेज गाड़ी चलाने, बिना बीमा पॉलिसी के वाहन चलाने और बिना हेलमेट के वाहन चलाने पर जुर्माना एवं निर्धारित अवधि के लिए लाइसेंस निलंबित किया जाने के प्रावधान विधेयक में शामिल हैं। तेज रफ्तार से गाड़ी चलाने पर 1 हजार से 2 हजार तक का जुर्माना लगेगा।
- कम उम्र के किशोर द्वारा गाड़ी चलाते हुए सड़क पर कोई अपराध करने की स्थिति में गाड़ी के मालिक अथवा अभिभावक को दोषी माना जाएगा। कम उम्र के ड्राइवर का किसी सड़क अपराध में शामिल पाए जाने पर गाड़ी के मालिक या उनके अभिभावकों को 25,000 जुर्माने के साथ तीन साल की जेल और उनका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा।
- बिना बीमा पॉलिसी के गाड़ी चलाने पर 2 हजार रुपए का जुर्माना, बिना हेलमेट गाड़ी चलाने पर एक हजार रुपए का जुर्माना और तीन महीने के लिए लाइसेंस निलंबित हो सकता है।
- यातायात उल्लंघन करने पर अब 100 रुपए की जगह 500 रुपए जुर्माना देना होगा।
- बिना लाइसेंस के वाहन का अनाधिकृत उपयोग करने पर 5000 रुपए का जुर्माना लगेगा।
- खतरनाक ड्राइविंग और स्टंट के लिए जुर्माना 1000 रुपए से बढ़ाकर 5,000 रुपए किया जाएगा।
- शराब पीकर गाड़ी चलाने पर जुर्माने के तौर पर 10,000 देने होंगे।
- ओवरलोडिंग गाड़ी के मामले में 20 हजार रुपए का जुर्माना देना होगा।