नई दिल्ली। हिन्दी भाषा को अबू धाबी में अदालतों में इस्तेमाल होने वाली तीसरी आधिकारिक भाषा बना दिया गया है। संयुक्त अरब अमीरात में हिन्दी भाषियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह फ़ैसला लिया गया है। आंकड़ों के मुताबिक़ यूएई की कुल आबादी 90 लाख है जिसमें दो तिहाई प्रवासी हैं, इनमें 26 लाख प्रवासी भारतीय हैं जो यूएई की कुल आबादी का 30 फ़ीसदी है और प्रवासियों का सबसे बड़ा हिस्सा भी।
हिन्दी भाषा के जुडऩे से पहले यहां अरबी और अंग्रेज़ी का प्रयोग किया जाता था। अबू धाबी न्यायिक विभाग का कहना है कि हिन्दी को आधिकारिक भाषा बनाने से लेबर मुक़दमों में न्याय करने में मदद मिलेगी। अबू धाबी न्यायिक विभाग के अवर सचिव योसेफ़ सईद अल अब्री ने कहा है कि न्यायिक विभाग में हिन्दी भाषा को इसलिए जोड़ा गया है कि लोगों को न्याय प्रक्रिया में किसी भी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े।
बता दें कि भारत दुनिया के उन देशों में शीर्ष पर है जहां के विदेश में रहने वाले लोग अपने देश में सबसे ज़्यादा विदेशी मुद्रा भेजते हैं। विश्व बैंक के अनुसार दुनिया भर के भारतीय प्रवासी अन्य सभी देश के प्रवासियों से ज्यादा विदेशी मुद्रा अपने देश में भेजते हैं। इसके अलावा यूएई दूसरा देश है जहां भारत सबसे ज़्यादा निर्यात करता है। दोनों देशों के बीच हर हफ़्ते 1,076 विमानों का आना-जाना होता है और दोनों देशों के बीच पर्यटन में भी लगातार बढ़ोंत्तरी देखी जा रही है।
आकड़ों के मुताबिक़ दुबई जाने वाले पर्यटकों में सबसे ज़्यादा भारतीय हैं। चीन और अमरीका के बाद भारत यूएई का तीसरा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है। भारत की अर्थव्यवस्था के लिए यूएई अहम देश है तो संयुक्त अरब अमीरात के विकास में भारतीय प्रवासियों की अहम भूमिका है। यहां कंस्ट्रक्शन के कामों से लेकर अन्य सर्विस स्टाफ़ और टेक्नोक्रेट्स सबसे ज़्यादा भारतीय लोग हैं।https://www.jubileepost.in