Sunday - 10 November 2024 - 4:30 AM

अब गरारा से पता चल जायेगा कि कोरोना है या नहीं, जानिए कैसे

जुबिली न्यूज डेस्क

कोरोना महामारी के बीच में देश में हर दिन लाखों लोगों का कोरोना जांच हो रहा है। कोरोना जांच के लिए कई तकनीक अपनाई जा रही है लेकिन लोगों का ज्यादा भरोसा आरटी-पीसीआर जांच पर होता है।

फिलहाल कोरोना जांच के लिए एक और तकनीक आ गई है जिसकी मदद से सिर्फ तीन घंटे में ही पता चल जायेगा कि आपको कोरोना है या नहीं। इसमें गरारा करके कोरोना के बारे में पता लगाया जा सकेगा।

काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च ने यह तकनीक इजाद की है।आईसीएमआर ने भी इस तकनीक को मंजूरी दे दी है।

यह भी पढ़ें : रामदेव के खिलाफ शिकायत वापस लेने के लिए IMA तैयार है लेकिन… 

यह भी पढ़ें :  सर्वे में दावा-दो साल में मोदी सरकार की गिरी 24% रेटिंग

 इस जांच में स्वैब का कलेक्शन लेना जरूरी नहीं होगा। इसमें एक ट्यूब होगी, जिसमें सलाइन होगा। लोगों को कोरोना की जांच के लिए इस सलाइन को मुंह में डालने और फिर 15 सेकेंड तक गरारा करने की जरूरत होगी। जब शख्स गरारा कर लेगा फिर उसे ट्यूब में थूकना होगा और टेस्टिंग के लिए दे देना होगा।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने इस तकनीक को रिमार्कबल इनोवेशन करार दिया है। उन्होंने कहा, ”यह स्वैब फ्री तकनीक गेम-चेंजर साबित हो सकती है।”

नीरी के पर्यावरण वायरोलॉजी सेल के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. कृष्णा खैरनार ने बताया, ”सैंपल कलेक्शन को आसान और पेशेंट फ्रेंडली बनाने के लिए नीरी ने सोचा था। कम से कम मरीज को तकलीफ पहुंचा कर कलेक्शन ले सकते हैं।

उन्होंने कहा कि सलाइन को पीना पड़ता है और फिर गरारा करना पड़ता है। तीन घंटे में हम आरटी-पीसीआर वाली रिपोर्ट दे सकते हैं। हमें अभी आईसीएमआर की मंजूरी मिल गई है और बाकी लैब्स को ट्रेनिंग देने के लिए हमसे कहा गया है। नीरी में आज पहला बैच आया है, जिसकी टेस्टिंग बाकी है।

यह भी पढ़ें : BCCI का बड़ा फैसला, यूएई में खेले जाएंगे IPL के बाकी बचे मुकाबले

यह भी पढ़ें : ट्रायल के तौर पर छप रहे हैं 100 रुपये के एक अरब नोट, जानिये क्यों

उन्होंने आगे कहा कि लोग खुद से भी यह टेस्टिंग कर सकेंगे, जिससे टेस्टिंग सेंटर पर भीड़ नहीं लगेगी और इससे काफी समय भी बचेगा। साथ ही सेंटर पर दूसरों से संक्रमित होने का खतरा भी नहीं होगा।

मालूम हो कि पिछले दिनों कोविसेल्फ किट लॉन्च की गई थी, जिसमें 15 मिनट पर कोरोना का पता लगाया जा सकता है। इस किट की कीमत टैक्स मिलाकर 250 रुपये रखी गई है। किट के साथ एक मैन्युल होता है, जिसमें बताया जाएगा कि बिना किसी स्वास्थ्यकर्मी की मदद लिए आप कैसे खुद ही कोरोना की जांच कर सकते हैं।

चूंकि यह रेपिड एंटीजन टेस्ट है, इसमें केवल नेजल स्वैब की जरूरत होगी। टेस्ट में केवल 2 मिनट का समय लगेगा और 15 मिनट के भीतर आपको परिणाम पता चल जाएगा। पॉजिटिव रिपोर्ट उससे भी काफी पहले आ जाएगी। यदि रिपोर्ट 20 मिनट के बाद आती है तो यह अवैध माना जाएगा।

यह भी पढ़ें : कोरोना को लेकर क्या चीन ने दुनिया के वैज्ञानिकों को धोखा दिया

यह भी पढ़ें : पीएम को इंतजार करवाने पर शिवराज ने ममता को क्या कहा?

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com