जुबिली पोस्ट ब्यूरो
लखनऊ। महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल समेत देश के सात राज्यों की तरह अब यूपी में ताजा बीयर मिल सकेगी। लाइसेंस लेकर ये खुद ही बीयर का उत्पादन कर सकेंगे। कैबिनेट ने इसके लिए उत्तर प्रदेश यवासवनी (6वां संशोधन) नियमावली-2019 जारी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
इस फैसले से प्रदेश में लघु यवासवनी (माइक्रो ब्रिवरी) स्थापित करने में सहूलियत मिलेगी। इस फैसले से प्रदेश में रोजगार और आय में वृद्धि होगी। इसके लिए 1974 से निर्धारित लाइसेंस शुल्क 25 हजार रुपये को बढ़ाकर ढाई लाख कर दिया गया है। इसके साथ ही लाइसेंस के नवीनीकरण फीस में भी वृद्धि की गई है।
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प्रदेश में नोएडा, आगरा, वाराणसी और लखनऊ आदि शहरों में देशी- विदेशी पर्यटकों का आवागमन बढ़ा है। माइक्रो ब्रिवरी स्थापित होने पर अच्छी गुणवत्ता की ताजा बीयर उपभोक्ताओं को मिलेगी।
उत्पादकों द्वारा बीयर के थोक विक्रय की धनराशि को दो कार्य दिवस में राजकोष में जमा न करने पर पांच हजार रुपये प्रतिदिन की दर से जुर्माना लगेगा। माइक्रो ब्रिवरी की स्थापना के लिए कोई भी व्यक्ति जो होटल, रिसार्ट, रेस्टोरेंट एवं वाणिज्यिक क्लब के लिए बार लाइसेंस धारी हो, संबंधित जिलाधिकारी के माध्यम से आबकारी आयुक्त को आवेदन करेगा।
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महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल समेत देश के सात राज्यों की तरह अब यूपी के होटल और पबों में भी मिलेगी ताजा बीयर।
आवेदक द्वारा सभी शर्त पूरी करने पर आबकारी आयुक्त शासन की अनुमति से अर्जी स्वीकार करेंगे। आवेदन पत्र के साथ 50 हजार रुपये की धनराशि देय होगी। माइक्रो ब्रिवरी के लिए अनुज्ञापन शुल्क दो लाख रुपये प्रति वर्ष होगा। इसके अलावा अनुज्ञापी एक लाख की प्रतिभूति धनराशि भी उपलब्ध कराएगा। यह 1 अप्रैल से शुरू होकर अगले वर्ष के 31 मार्च तक वैध होगा।
हर आबकारी वर्ष हेतु नवीनीकरण के लिए दो लाख रुपये देय होगा। लाइसेंसधारी 25 हजार रुपये की फीस जमा कर वैधता छह माह के लिए बढ़वा सकता है। इसकी उत्पादन क्षमता प्रतिदिन छह सौ बल्क लीटर तथा वर्ष में 350 कार्य दिवस के आधार पर अधिकतम 2.1 लाख बल्क लीटर होगी।