जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच चल रहे तनाव के बाद से भारत ने चीनी सामानों को बैन कर दिया गया है। चीन से हो रहे आयात को लेकर भारत सरकार अब सख्त हो गई है। विदेशों से पैकेज्ड आइटम आयात करने वाली ई-कॉमर्स कंपनियों, मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों और मार्केटिंग एजेसियों की अब खैर नहीं है।
अगर उन्होंने सामान पर कंट्री ऑफ ओरिजन नहीं दिखाया तो उन पर 1 लाख तक का जुर्माना लग सकता है और साथ ही एक साल जेल भी हो सकती है।
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उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने ऐसी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी का गठन किया है। अथॉरिटी स्वतः संज्ञान लेते हुए या केंद्र सरकार के निर्देश पर ऐसी कंपनियों के खिलाफ एक्शन ले सकती है।
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मंत्रालय ने अतिरिक्त सचिव को चीफ कमिश्नर और बीआईएस के डायरेक्टर जनरल को इनवेस्टिगेटिंग ऑफिसर बनाया है। केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि उन्होंने सभी ई-कॉमर्स कंपनियों और राज्य सरकारों को लिखा है कि पैकेज्ड कमोडिटीज रूल्स के तहत प्रोडक्ट पर कंट्री ऑफ ओरिजिन का उल्लेख करना अनिवार्य है।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की सचिव ने कहा कि अगर कोई मैन्यूफैक्चरर या मार्केटिंग फर्म इसका पालन नहीं करती हैं तो पहली बार में उस पर 25 हजार का फाइन लगेगा। दूसरी बार ऐसा करने पर 50 हजार का जुर्माना देना होगा।
इसके बाद एक लाख का जुर्माना या एक साल की जेल या दोनों भुगतने पड़ सकते हैं। यह ई-कॉमर्स कंपनियों पर भी लागू होगा, अगर उन्होंने अपनी वेबसाइट पर इसकी डिटेल नहीं बताई।
अधिकारियों ने बताया कि सभी मैन्यूफैक्चरर्स, आयातकों, पैकर्स और ई-कॉमर्स कंपनियों के प्रोडक्ट पर कंट्री ऑफ ओरिजिन डिस्प्ले करने का प्रावधान जनवरी 2018 से लागू है। सचिव ने कहा कि डीपीआईआईटी द्वारा बुलाई गई बैठक में इस मुद्दे पर ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ चर्चा हुई थी।
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उन्होंने कहा, हम सब इसे लागू करने पर सहमत हैं। अगर ई-कॉमर्स कंपनियां कानून के मुताबिक अपने प्रोडक्ट पर कंट्री ऑफ ओरिजिन डिस्प्ले करती हैं तो उपभोक्ताओं को फैसला करने में मदद मिलेगी।
महंगे हुए मोबाइल चार्जर, कवर, स्क्रीन गार्ड
बॉर्डर पर चल रहे चीन और भारत के तनाव के कारण लोग जमकर चीनी सामानों का बहिष्कार कर रहे हैं। इस बहिष्कार के कारण एक तरफ जहां मेड इन इंडिया प्रोडक्ट को ऊपर उठाने में सहारा मिल रहा है। तो वहीं दूसरी तरफ लोगों को महंगाई का सामना करना पड़ रहा है। देश में चीन सामानों के विरोधी माहौल बनने से मोबाइल एसेसरीज के दाम बढ़ गए हैं।
चार्जर, स्क्रीन गार्ड , कवर, केबल का 70 से 80% आयात चीन से होता है। अब इनके दामों में 20 से 25% की बढ़ोतरी हुई है। चीन से इंपोर्ट पर कस्टम की सख्ती का असर देश के मोबाइल एसेसरीज पर दिखने लगा। प्रोडक्ट बाजार में मिल नहीं रहे और अगर मिल भी रहे हैं तो बेहद ऊंचे दाम पर।
व्यापारियों का कहना है कि देश में जिस तरह से चीनी सामानों का बहिष्कार हो रहा है। उसे देखते हुए वो चीन के सामानों को मंगाने से डर रहे हैं। इस महौल को देखते हुए ही हमने चीन से आने वाले ऑर्डर्स को रद्द कर दिया है।
जिसका सीधा असर बाजार पर पड़ा है। इंपोर्ट रुकने के कारण बाजार में एक्सेसरीज की कमी है। बहुत सी चीजें उपलब्ध ही नही है, जिसके कारण कुछ एक्सेसरीज की कीमतों 40 से 50 फीसदी तक महंगी हो चुकी हैं।
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