जुबिली न्यूज डेस्क
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर कोरोना को लेकर चीन पर निशाना साधा है। ट्रंप ने कहा, “अब हर कोई, यहां तक कि ‘तथाकथित दुश्मन’ भी मानने लगे हैं कि डोनॉल्ड ट्रंप चाइना वायरस के वुहान लैब से लीक होने को लेकर सही थे।”
कोरोना वायरस की लैब लीक थ्योरी पर बढ़ती चर्चा के बीच पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि चीन ने अमेरिका और दुनिया भर में जो तबाही मचाई है उसके लिए उसे 10 ट्रिलियन डॉलर का मुआवजा देना चाहिए।
ट्रंप ने अपने बयान में कहा, “डॉक्टर फाउची और चीन के बीच जो बातचीत हुई है, उसे किसी के लिए भी नजरअंदाज करना नामुमकिन है।”
मालूम हो ट्रंप कई बार सार्वजनिक मंच से कोरोना वायरस के लिए चीन को जिम्मेदार ठहरा चुके हैं। वह कोरोना वायरस को चीनी वायरस और वुहान वायरस कहते थे।
वहीं चीन ने ट्रंप के आरोपों पर कड़ी आपत्ति जताया था और इसे नस्लभेदी बताया था।
वहीं इस साल की शुरुआत में विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ की एक टीम महामारी से जुड़े तथ्यों का पता लगाने के लिए वुहान गई थी।
हालांकि डब्ल्यूएचओ ने मार्च में अपनी रिपोर्ट जारी कर कहा था कि यह साबित करने के लिए पर्याप्त तथ्य नहीं है कि कोरोना वायरस वुहान की लैब से दुनिया भर में फैला।
चीन पर जांच में विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम को पूरा सहयोग न देने और वुहान लैब से जुड़ी जानकारियां छिपाने के आरोप भी लगते रहे हैं।
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अमेरिका और ब्रिटेन की ताजा खुफिया रिपोर्ट
कुछ दिनों पहले ही अमेरिका की एक खुफिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि नवंबर 2019 में कोरोना महामारी फैलने के कुछ समय पहले वुहान लैब के तीन शोधकर्ता बीमार पड़ गए थे और उनके लक्षण कोविड-19 से मिलते-जुलते थे।
अमेरिका की इस खुफिया रिपोर्ट को चीन ने पूरी तरह झूठा करार दिया था और कहा था कि वुहान लैब का कोई भी स्टाफ आज तक कोरोना से संक्रमित नहीं हुआ है।
रिपोर्ट आने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने खुफिया टीमों को 90 दिनों के भीतर कोरोना वायरस के स्रोत को लेकर एक रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था।
अमेरिका के बाद ब्रिटेन की भी एक खुफिया रिपोर्ट में कहा गया कि यह संभव है कि कोरोना वायरस वुहान लैब से लीक हुआ हो।
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डॉ. फाउची के निजी ईमेल
हाल ही में अमेरिका के मशहूर संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. एंथनी फाउची के कुछ निजी मेल सामने आए, जिन्होंने लैब लीक थ्योरी को बल दिया।
जनवरी 2020 में एक ईमेल जो डॉक्टर फाउची को अमेरिका की सबसे बड़ी बायोमेडिकल रिसर्च टीम के डायरेक्टर ने भेजा था, उसमें कहा गया कि इस वायरस के कुछ फीचर असामान्य हैं और ऐसा लगता है कि इसे तैयार किया गया है। इसके जवाब में डॉक्टर फाउची ने लिखा कि वे फोन पर उनसे इस बारे में बात करेंगे।
अप्रैल 2020 में अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के डायरेक्टर फ्रांसिस कॉलिन्स ने भी इसी बारे में डॉ. फाउची को एक ईमेल लिखा। उनके ईमेल का विषय था- ‘वुहान वाली षड्यंत्र की थ्योरी को बल मिल रहा है।’
हालांकि इस पर डॉ. फाउची की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
इसी साल मई में, डॉ. फाउची ने कहा कि वो इस बात से आश्वस्त नहीं हैं कि ये वायरस क़ुदरती तौर पर पैदा हुआ और उन्होंने कहा कि इसकी गंभीरता से जांच होनी चाहिए।
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