न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। जल्द ही राशन की दुकानों पर सस्ती दरों पर लोगों को अंडे, मछली, मुर्गा और मीट मिल सकता है। नीति आयोग एक प्रस्ताव तैयार कर रहा है, जिसका मकसद है कि गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को सस्ते में प्रोटिन की खुराक मिल सके। यह प्रस्ताव अगले साल पेश होगा और हो सकता है कि पूरे देश में एक अप्रैल 2020 से लागू हो जाए।
नीति आयोग के मुताबिक, राशन की दुकानों पर गेंहू, चावल, जौ, चना, दालें और चीनी मिलती है, उससे लोगों को उचित मात्रा में प्रोटिन की खुराक नहीं मिल पाती है। इसलिए गरीब लोगों को प्रोटिन की उचित खुराक मिल सके, इसके लिए यह प्रस्ताव तैयार किया गया है।
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नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद्र ने कहा कि हर 10 में से चार बच्चों में प्रोटिन की कमी है। बच्चे ज्यादातर जंक फूड का सेवन कर रहे हैं, जिसमें तेल, चीनी और मसालों की भरमार है।
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हालांकि अगर राशन की दुकानों पर अंडे, मीट और मछली सस्ती दरों में मिलते हैं, तो इससे कुपोषण की समस्या से निपटा जा सकता है। इससे खाद्यान पर मिल रही सब्सिडी का भार बढ़ सकता है। अभी सरकार को सस्ती दरों पर खाद्यान बेचने पर 1.84 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार पड़ रहा है।