जुबिली न्यूज डेस्क
ट्विटर से एक्शन की मांग करने के बाद अब राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने फेसबुक से मांग की है कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर कार्रवाई की जाए।
रेप और मर्डर की शिकार हुई नाबालिग दलित बच्ची के परिजनों की तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर करने के मामले में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की मुश्किलें खत्म नहीं रही हैं।
बाल राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने फेसबुक को पत्र लिखा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बच्ची के परिजनों की तस्वीर शेयर करके बलात्कार पीडि़ता की पहचान को उजागर किया है, जो कानून के खिलाफ है।
दरअसल इंस्टाग्राम पर फेसबुक का ही मालिकाना हक है। राहुल गांधी ने वह विवादित तस्वीर ट्विटर के अलावा इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर भी शेयर की थी।
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इससे पहले 4 अगस्त को आयोग ने ट्विटर को पत्र लिखकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के ट्विटर हैंडल के खिलाफ एक्शन की मांग की थी। इसके बाद ही ट्विटर ने उनके अकाउंट को कुछ समय के लिए लॉक कर दिया था।
इतना ही नहीं यह विवाद तब और बढ़ गया, जब कांग्रेस और पार्टी के तमाम नेताओं के हैंडल से भी वही तस्वीर शेयर की गई। इसके बाद ट्विटर ने ऐसे तमाम हैंडल्स पर एक्शन लिया था।
आयोग ने फेसबुक को पत्र लिखा है कि राहुल गांधी के इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर जो वीडियो शेयर किया गया है, उसमें नाबालिग बच्ची के परिजनों की पहचान उजागर होती है।
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इस वीडियो में पीडि़त बच्ची की मां और पिता के चेहरों को साफ तौर पर देखा जा सकता है। आयोग का कहना है यह कानून का उल्लंघन है। ऐसा करना पॉक्सो एक्ट और जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के खिलाफ है।
पॉक्सो एक्ट के सेक्शन 23 के अनुसार किसी भी नाबालिग रेप पीडि़त के नाम, पते, तस्वीर, फैमिली डिटेल्स, स्कूल, मोहल्ले और अन्य चीजों के बारे में खुलासा नहीं किया जा सकता।