जुबिली न्यूज़ डेस्क
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन नियमों का उल्लंघन करने और पिछले साल नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन करने को लेकर दर्ज किए गए करीब दस लाख मामलों को वापस लिए जाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंसा, पुलिसकर्मियों को उनके कर्तव्य के पालन में बाधा डालने और लॉकडाउन के दौरान फर्जी तरीके से ई-पास हासिल करने संबंधी मामलों को छोड़कर बाकी सभी मामलों को वापस लिया जाएगा।
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मुख्यमंत्री ने अप्रैल में संभावित विधानसभा चुनावों के संबंध में एक बैठक को संबोधित करते हुए यहां कडायानल्लूर में कहा कि पिछले साल कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन नियमों का उल्लंघन करने को लेकर पुलिस ने करीब दस लाख मामले दर्ज किए थे।
पलानीस्वामी ने कहा कि इस प्रकार निषोधाज्ञा का उल्लंघन कर नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन करने, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और पुलिसकर्मियों के काम में बाधा डालने को लेकर 1,500 मामले दर्ज किए गए थे। उन्होंने कहा कि कुछ मामलों को छोड़कर लोगों के कल्याण को देखते हुए बाकी मामलों को वापस लेने का फैसला किया गया है।
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