जुबिली स्पेशल डेस्क
कोरोना वायरस की पहली लहर की तुलना में कोरोना की तीसरी लहर काफी खतरनाक साबित हुई है। इस वजह से लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है।
जहां कोरोना ने लोगों की जिंदगी को खत्म किया तो दूसरी ओर आर्थिक रूप से भी लोगों को बहुत कमजोर किया है। भारत को इस वजह से आर्थिक नुकसान भी खूब उठाना पड़ा है।
लोगों का रोचगार खत्म हो गया है और बोरोजगारी चरम पर जा पहुंची। हालांकि अब धीरे-धीरे हालात पटरी पर लौटते नजर आ रहे हैं। कोरोना के बीच कई उद्योग-धंधे बंद हो गए है और जो किसी तरह से चल भी रहे हैं उनकी हालत बेहद खराब है लेकिन इस दौरान अच्छी खबर भी देखने को मिल रही है। जीडीपी के बाद अब जीएसटी को लेकर भी राहत भरी खबर आ रही है।
दरअसल लो बेस इफेक्ट के कारण जून 2021 तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 20.1% रही। अब गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी जीएसटी कलेक्शन को लेकर राहत की खंबर आ रही है। सरकार से मिली जानकारी के अनुसार जीएसटी रेवेन्यु कलेक्शन एक बार फिर 1 लाख करोड़ रुपए के स्तर को पार कर लिया है। अगस्त महीने में ग्रॉस जीएसटी रेवेन्यु 1,12,020 करोड़ रुपए रहा।
एक साल पहले की इसी अवधि से तुलना करें तो जीएसटी राजस्व में 30 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, जुलाई 2021 के मुकाबले अगस्त में जीएसटी कलेक्शन कम हुआ है।
कोरोना की नई वेव के कारण कई राज्यों में लोकल लॉकडाउन लगाया गया है। इसके बावजूद जीएसटी कलेक्शन1 लाख करोड़ रुपए के स्तर को पार कर आर्थिक सुधार के लिए अच्छा कहा जायेगा।
✅₹ 1,12,020 crore of gross GST revenue collected in August
✅The revenues for the month of August 2021 are 30% higher than the GST revenues in the same month last year
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(1/2) pic.twitter.com/bqEz7xLfBO— Ministry of Finance (@FinMinIndia) September 1, 2021
- जुलाई, 2021 में 1,16,393 करोड़ रुपए का ग्रॉस जीएसटी रेवेन्यु कलेक्शन था
- इसमें सीजीएसटी 22,197 करोड़ रुपए, एसजीएसटी 28,541 करोड़ रुपए, आईजीएसटी 57,864 करोड़ रुपए और उपकर (सेस) 7,790 करोड़ रुपए शामिल हैं।
बता दे कि इस बार मई के GST कलेक्शन में 4 जून तक को शामिल किया गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि टैक्स देने वालों को राहत दी गई थी और साथ ही मई के लिए 15 दिन की रिटर्न फाइलिंग की समय सीमा बढ़ा दी गई थी।