जुबिली न्यूज डेस्क
बिहार के सरकारी स्कूलों में फर्जी बच्चों के फर्जी नामांकन को रोकने के लिए शिक्षा विभाग गंभीर हो गया है। दरअसल, पिछले सत्र में करीब 20 लाख फर्जी बच्चे मिले थे, जिनके नाम काट दिए गए थे। अब ऐसी नौबत नहीं आए, को लेकर विभाग की ओर से नामांकन प्रक्रिया को थोड़ा कड़ा कर दिया गया है। नए नियम से फर्जी नामांकन कठिन हो जाएगा। विभाग के अनुसार, नामांकन के दौरान पांच कागजातों में से एक को अनिवार्य कर दिया गया है।
कौन है वो पांच कागजात
विभाग की ओर से नामांकन को लेकर गाइडलाइन जारी किया गया है। उसके अनुसार नामांकन के समय जन्म प्रमाण-पत्र, अस्पताल या मिड वाइफ पंजी अभिलेख, आंगनबाड़ी अभिलेख, अभिभावक या माता-पिता की तरफ से घोषणा-पत्र और आधार कार्ड में से कोई एक कागजात प्रस्तुत करना होगा। एक अप्रैल 2024 से नए सत्र में नामांकन शुरू हो जाएगा। विभाग ने सभी डीईओ को पत्र भेजकर नामांकन को लेकर जारी ताजा गाइडलाइन का पूरी तरह अनुपालन कराने का निर्देश दिया है।
आधार कार्ड बनाने पर विशेष जोर
माध्यमिक शिक्षा के निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने डीईओ को भेजे पत्र में कहा है कि जिन छात्र और छात्राओं का आधार कार्ड नहीं बन सका है, उनके आधार कार्ड बनवाने के प्रयास किए जाए। बताया गया है कि पिछले सत्र में 23.97 लाख बच्चों के नाम काटे गए थे।