स्पेशल डेस्क
पटना। बिहार में क्रिकेट को दोबारा पटरी पर लाने के लिए लगातार संघर्ष कर रहे आदित्य वर्मा ने अब भारतीय क्रिकेटर्स संघ (आईसीए) के प्रमुख अशोक मल्होत्रा को पत्र लिखा है। उन्होंने बिहार क्रिकेट को लेकर ये पत्र लिखा है और कहा है कि बिहार क्रिकेट से जुड़े मामले को लेकर उनसे गुहार लगायी और कहा है कि अविलम्ब इसको संज्ञान मे ले कर बिहार के किकेटरो के हित मे अपना फैसला दे।
उन्होंने पत्र के माध्यम से आईसीए से पूछा है
1. क्या कोई सरकारी कर्मचारियों को आईसीए का सदस्य मनोनीत किया जा सकता है ?
2. क्या मनोनीत हुआ वह वंदा किसी राज्य क्रिकेट संघो के सीओएम का सदस्य हो सकता है?
3. बिहार क्रिकेट संघ मे आईसीए के प्रतिनिधि के रुप मे अमिकर दयाल एवं कविता राय है दोनों सरकारी कार्यालयों मे कार्य कर रहे है। दयाल का पटना मे एक क्रिकेट एकेडमी भी चल रही है ऐसे मे मै जानता चाह रहा हूँ कि किस नियम कानून के तहत ये लोग बिहार क्रिकेट एसोसियेसन के सीओएम के सदस्य है। यह माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अवमानना है ।
अंत मे हम आपके इस प्रयास का स्वागत करते है कि आज के परिस्थिति मे आईसीए ने देश के पूर्व प्रथम श्रेणी के मैच खेल चुके खिलाडयि़ों पुरुष एवं महिला दोनो को जरूरत के हिसाब से आर्थिक मदद मुहैया कर रही है, क्या प्रश्न कर सकते हैं कि किस कैटेरिया के तहत यह काम किया जा रहा है मै विवश हो कर पुन: पुछ रहे है कि टाटा टेलको से अवकाश प्राप्त एक शख्स को किसके सुझाव पर मदद दिया गया है, जबकि अनेक खिलाड़ी जो राज्य विभाजन के पश्चात बिहार से रंजी मैच खेल चुके है लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति आज उतनी अच्छी नही है क्या वे मदद लेने के हकदार इसलिए नही है क्योंकि उनका कोई गाड फादर नहीं है।
उदाहरण के लिए उज्जवल दास, राजू वाल्स, जीशान, विश्वजित कुछ खिलाडयि़ों ने अपना नाम देना नही चाह रहे है। उन्होंने अंत में कहा कि अशोक मलहोञा अध्यक्ष भारतीय क्रिकेट संघ से है कि बिहार क्रिकेट संघ से जुड़े विवाद एवं खिलाडयि़ों की मदद करने का काम एक बैलेंस प्रकिया के साथ करे।