अगर आप की उम्र 40 से ज्यादा है और आप रोज रात को एक ही समय पर नहीं सोते तो आपमें दिल की बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। एक हालिया शोध में इसका दावा किया गया है। इस शोध में शोधकर्ताओं ने पाया कि 45 साल और उससे ज्यादा उम्र के लोग जिनके सोने और जागने का कोई निर्धारित समय नहीं है। उनमें दिल की बीमारियां होने की संभावना ज्यादा होती है।
जर्नल ऑफ द अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी में किये गये शोध में बताया गया है कि नियमित रूप से एक ही पैटर्न से सोने से हार्ट प्रॉब्लम से बचाव करने में सहायता मिलती है। शारीरिक गतिविधि और स्वस्थ आहार के साथ नियमित रूप से एक ही मात्रा में नींद लेना भी कई रोगों से बचाता है।
इस शोध में 1992 पुरुषों और महिलाओं पर अध्ययन किया गया। इन सभी की उम्र 45 से 84 साल के बीच थी। इनमें से 38 फीसदी श्वेत थे, 28 फीसदी अश्वेत थे, 22 फीसदी हिस्पैनिक थे और 12 फीसदी चीनी अमेरिकी थे।
इस शोध में प्रतिभागियों की कलाई पर उपकरण लगाये गये। इन्ही उपकरणों से सात दिनों तक उनके सोने के तरीके पर निगरानी रखी गई। इसमें सामने आया कि पांच साल के दौरान 111 प्रतिभागियों की मौत दिल के दौरे, स्ट्रोक या दिल संबंधी बीमारी से हुई है। जिन प्रतिभागियों की नींद या नींद का समय सबसे अनियमित था उनमें दिल की बीमारी होने का खतरा नियमित सोने वालों से दोगुना था।
अमेरिका के ब्रिगहम एंड वुमेन हॉस्पिटल के शोधकर्ताओं ने बताया कि, हमें उम्मीद है कि किये गये इस शोध से नियमित नींद के प्रति लोगों की जागरुकता बढ़ेगी। साथ ही वे रोगों से दूर रहने के लिए नींद के महत्व को समझेंगे।
शोधकर्ताओं ने बताया कि यह शोध काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें अनियमित तरीके से सोने के पैटर्न और दिल की बीमारियों के बीच संबंध पाया गया है। नींद की कमी और दिल संबंधी बीमारियों के बीच संबंध जातीय अल्पसंख्यकों के बीच ज्यादा पाया गया। इससे पता चलता है कि जातीय अल्पसंख्यकों में नींद संबंधी समस्याएं ज्यादा पाई जाती हैं।