जुबिली स्पेशल डेस्क
बिहार में विधानसभा चुनाव अगले साल होना है लेकिन इसकी सुगबुगाहट अभी से शुरू हो गई है। नीतीश कुमार जीत का चौका लगाना चाहते हैं और बीजेपी की मदद से फिलहाल सरकार चला रहे हैं लेकिन दोनों गठबंधन कब तक सलामत रहेंगा ये किसी को पता नहीं है।
नीतीश कुमार भले ही कहे कि बीजेपी का साथ नहीं छोड़ेंगे। हालांकि उनके दावों में सच्चाई कितनी है, ये खुद उनकी पार्टी को पता नहीं होता है।
दूसरी तरफ नीतीश कुमार लगातार चौथी बात सीएम बनने का सपना देख रहे हैं लेकिन बीजेपी बिहार में अपना सीएम चाहती है, जैसे उसने महाराष्टï्र विधान सभा चुनाव में किया। उसी रणनीति के तहत बीजेपी बिहार में अपना फिल्डिग़ सेट कर रही है। मौजूदा दौर में पांच ऐसे लोग है जो बिहार का सीएम बनने का सपना पाल रहे हैं।
नीतीश कुमार फिर से सत्ता हासिल करना चाहते हैं और खुद भी सीएम बनना चाहते हैं। नीतीश कुमार जनता दल यूनाइटेड के चीफ है उनके पास 12 लोकसभा सांसद और 45 विधायक हैं।
दूसरी तरफ आरजेडी की तरफ से लालू के लाल तेजस्वी यादव भी सीएम बनने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। पिछले चुनाव में बड़ी पार्टी होने के बावजूद उनकी सरकार नहीं बन सकी लेकिन इस बार वो इस बार वो चाहते हैं कि जनता उनको चुने।
वहीं नई पार्टी जनसुराज्य पार्टी चीफ प्रशांत किशोर को कौन भूल सकता है। उन्होंने कई लोगों को चुनावी रणनीति से कई बार मदद की लेकिन अब बिहार में अपनी पार्टी को खड़ा किया है और खुद भी सीएम बनने का ख्वाब पाल रहे हैं और उन्होंने पद यात्रा करके अपना जनाधार बढ़ाने के हर संभव प्रयास किया है। अब देखना होगा कि विधानसभा चुनाव में किस पार्टी को जनता चुनती है और कौन सीएम बनता है।
उनके आलावा निर्दलीय सांसद पप्पू यादव की भी मुख्यमंत्री बनना चाहते है। पप्पू यादव कांग्रेस के जरिए यह कुर्सी हासिल करना चाहते हैं। यही वजह है कि वे लगातार कांग्रेस के नेतृत्व में बिहार चुनाव लड़ने की बात कह रहे हैं।