जुबिली न्यूज डेस्क
मोदी सरकार ने पिछले दिनों देश के 80 करोड़ से ज्यादा राशन कार्डधारकों को नए साल में खुशियों की सौगात दी थी. केंद्र सरकार ने 2023 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत मुफ्त अनाज बांटने का ऐलान किया है. इससे पहले साल 2020 से अब तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत मुफ्त राशन बांटा जा रहा था. कोरोना काल से ही यह सेवा 81.3 करोड़ लोगों को मुफ्त में मिल रही है.
इसमें राज्यों से पैसे नहीं वसूले जाएंगे
बता दें कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत उन लोगों को भी राशन फ्री में मिल रहा था, जिनके पास राशन कार्ड नहीं था. लेकिन, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत अब गरीब राशन कार्डधारकों को ही मुफ्त में गेहूं-चावल दिया जाएगा. सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना अप्रैल 2020 में शुरू किया था. कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन लागू होने के बाद यह स्कीम शुरू की गई थी. पिछले कई सालों से यह स्कीम खत्म करने की बात हो रही थी, लेकिन कैबिनेट ने से फिलहाल जारी रखने का फैसला किया है. हालांकि, अब इस योजना को खाद्य सुरक्षा योजना के साथ मर्ज कर दिया गया है. इसके तहत मुफ्त राशन देने पर करीब दो लाख करोड़ रुपये की लागत आएगी. इस लागत का पूरा खर्चा केंद्र सरकार उठाएगी. इसमें राज्यों से पैसे नहीं वसूले जाएंगे.
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नए साल में फ्री राशन लेना कितना बदल जाएगा?
गौरतलब है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत गेहूं, चावल और मोटा अनाज 1 रुपये से लेकर 3 रुपये प्रति किलो की दर से मिलता है. लेकिन, केंद्र सरकार ने कहा है कि यह राशि भी दिसंबर 2023 तक उपभोक्ताओं से नहीं वसूलेगी. बीते 3 सालों में इस योजना के 7 चरण पूरे हो चुके हैं. सबसे पहले मार्च 2020 में पहले चरण में तीन महीने अप्रैल से लेकर जून तक इसे लागू किया गया था.
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