न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। नोएडा के विकास की जिम्मेदारी ऐसे कंधो पर है जो ना केवल भ्रष्टाचार से घिरे हुए है बल्कि भ्रष्टाचार को बढ़ावा भी देने का कार्य कर रहे है। नोएडा की लाइफ लाइन कहे जाने वाली एलिवेटेड रोड पर चलने वाले लोग जरा सावधान हो जाये क्योंकि 2 साल के अंदर ही इस चमचमाती सड़क को अधिकारियों की नज़र लग गयी, नतीजा ये रहा की अब इसमें खामियां सामने आने लगी है।
आपको जानकर हैरानी होगी की नोएडा की लाइफ लाइन कहे जाने वाली एलिवेटेड रोड पर दरार आ गयी है, 2 साल में ही एलिवेटेड रोड पर आया इंजीनियरिंग डिफॉल्ट। जानकारी मिली है आठ जगह से जॉइंट्स खिसके हुए है और करीब 50 एमएम तक गैप आया है। इस बड़ी लापरवाही के पीछे प्रोजेक्ट इंजीनियर एस सी मिश्रा की ज़िम्मेदारी है।
बताया जा रहा है की निठारी स्लिप रोड को बीस दिन के लिए बंद किया गया है, 2 साल पहले ही प्रोजेक्ट इंजीनियर एस सी मिश्रा की निगरानी में इसे बनाया गया था। अब एलिवेटेड रोड पर दरार आने के बाद अधिकारियों पर सरकार की नर्मी भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाली लगती है।
सपा सरकार का खास था एस सी मिश्रा
उत्तर प्रदेश में जब समाजवादी पार्टी की सरकार थी तब भी करीब करीब सारे बड़े प्रोजेक्ट एस सी मिश्रा के पास ही थे जिसमे सरकार ने नोएडा स्टेडियम, पार्किंग, अंडर पास और एलिवेटेड रोड का ज़िम्मा संभाला हुआ था। जानकारी के अनुसार जिस कंपनी ने एलिवेटेड रोड बनाई थी उस पर मिश्रा की मेहरबानियां खूब थी।
2 साल तक रोड का काम धीमी गति से चलता रहा लेकिन तीसरे साल में आयी तेजी ने काम बिगाड़ दिया, जिसकी वजह से आज नोएडा कि एलिवेटेड रोड के ज्वाइंट खुल रहे है। यदि प्रदेश सरकार ने अब भी ऐसे अधिकारियों पर शिकंजा नहीं कसा तो भ्रष्टाचार दिनों- दिन अपना नया रूप दिखाता रहेगा।
भ्रष्टाचार पर नहीं दिया ध्यान इसलिए आया गैप !
निर्माण पर देते ध्यान तो एलिवेटेड रोड पर ऐसी खामिया देखने को नहीं मिलती। लेकिन अधिकारियों ने जब भ्रष्टाचार को ध्यान में रखा तो रैंप के जॉइंट्स 8 जगहों से अपनी जगह से खिसके हुए मिले। जानकारी के मुताबिक 50 एमएम तक का गैप आया है।
2 साल के भीतर ही जब इतने बड़े प्रोजेक्ट में दरार दिखने लगे तो इसमें न केवल भ्रष्टाचार की आशंका होती है बल्कि घोटाले की झलक दिखने लगती है। 415 करोड़ की लागत से तैयार हुए इस 4.8 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड रोड को 28 जून 2017 को आम जनता को सौंपा गया था।