जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के शो विंडो कहे जाने वाले गौतमबुद्ध नगर जिले में ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण का क्षेत्र जल्द ही विश्व स्तरीय मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक का हब बनने वाला है। प्रदेश सरकार की लॉजिस्टिक्स नीति के कारण ग्रेटर नोएडा में 7725 करोड़ के निवेश से बनने वाला मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स हब (एमएमएलएच) और मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब (एमएमटीएच) आने वाले समय में यूपी के विकास की नई इबारत लिखेगा। इसकी वजह है, देश की सबसे स्मार्ट टाउनशिप में से एक इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप को जेवर एयरपोर्ट से जोड़ा जाना। ऐसा होने पर मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब व मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब भी जेवर एयरपोर्ट से जुड़ जाएंगे।
इन तीनों परियोजनाओं के लिए डीएमआईसी -आईआईटीजीएनएल ने प्लान तैयार किया है। इस पर शीघ्र अमल करने की तैयारी है। ये तीनों प्रोजेक्ट देश ही नहीं, बल्कि दुनिया के तमाम देशों से एयरपोर्ट के जरिए जुड़ जाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर तैयार ही गई लॉजिस्टिक्स नीति के चलते ही इस सेक्टर में हो रहा ये निवेश नोएडा को विश्वस्तरीय पहचान तो देगा ही, दो लाख से अधिक लोगों को रोजगार भी मुहैया कराएगा।
औद्योगिक विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, ग्रेटर नोएडा में दिल्ली मुम्बई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के अंतर्गत तीन बड़े प्रोजेक्ट विकसित किए जा रहे हैं। पहला इंटीग्रेटेड टाउनशिप, दूसरा मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब व तीसरा मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रेटर नोएडा की इन तीनों परियोजनाओं को गति शक्ति योजना से जोड़कर नई गति दे दी है।
इन तीनों परियोजनाओं को जेवर एयरपोर्ट से जोड़ने का खाका तैयार किया गया है। ये तीनों प्रोजेक्ट आपस में इंटर कनेक्टेड होंगे। इनको एयरपोर्ट से जोड़ने के लिए दो रास्ते सुझाए गए हैं। पहला रास्ता लॉजिस्टिक हब से जीटी रोड को जोड़ा जाएगा। इसके लिए लॉजिस्टिक हब के पास जीटी रोड पर करीब 2.5 किलोमीटर रास्ते को चौड़ा किया जाएगा। मौजूदा दो लेन से छह लेन तक बनाने का प्रस्ताव है। इस प्रोजेक्ट के लिए ग्रेटर नोएडा में एक नए प्राधिकरण इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप ऑफ ग्रेटर नोएडा लिमिटेड (आईआईटी जीएनएल) का गठन किया गया है।
आईआईटी जीएनएल के सीईओ नरेंद्र भूषण के मुताबिक़, इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप, मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब के विकसित होने से रोजगार के अवसर भी खूब पनपेंगे। इन तीनों परियोजनाओं से करीब दो लाख युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर मिलने की उम्मीद है, जबकि अप्रत्यक्ष रोजगार को जोड़ लिया जाए तो यह आंकड़ा और भी अधिक हो जाएगा। इंटीग्रेटेड टाउनशिप को डीएमआईसी और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के संयुक्त उपक्रम डीएमआईसी इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप ग्रेटर नोएडा लिमिटेड द्वारा करीब 750 एकड़ में विकसित किया गया है। इस टाउनशिप में अब तक पांच बड़ी कंपनियां अपना प्लांट भी लगा रही हैं। इनमें हायर इलेक्ट्रॉनिक्स, फॉर्मी मोबाइल, संस्कृति इंफोटेनमेंट, चेनफेंग (एलईडी कंपनी) और जे वर्ल्ड इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं।
कई और कंपनियां यहां आने को तैयार हैं। मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट व लॉजिस्टिक हब की डीपीआर शासन को भेज दी गई है। जैसे ही अप्रूवल आ जाता है,उसका भी टेंडर निकालकर काम शुरू कराया जाएगा। अगले तीन साल में ट्रांसपोर्ट व लॉजिस्टिक हब विकसित कर देने का लक्ष्य है। इससे आसपास के एरिया की सूरत बदल जाएगी।
अधिकारियों का कहना है, उत्तर प्रदेश वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक नीति घोषित करने वाले अग्रणी राज्यों में से एक है। इस नीति के माध्यम से राज्य सरकार ने लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को ‘उद्योग’ का दर्जा प्रदान किया है, जिससे लॉजिस्टिक्स इकाइयों द्वारा औद्योगिक भूमि के उपयोग को भारत सरकार द्वारा प्रदान की गई अवस्थापना सुविधाओं की योग्यता के अनुसार लागू किया गया है। इसके परिणामस्वरूप राज्य सरकार ने राज्य में लॉजिस्टिक्स उद्योग के लिए व्यवसाय करने की लागत कम कर दी है, जिससे उत्तर प्रदेश को उत्तर भारत में प्रमुख लॉजिस्टिक्स केंद्र के रूप में उभरने में सहायता मिलती है। इतना ही नहीं, राज्य में लॉजिस्टिक्स के एकीकृत विकास के लिए राज्य स्तरीय लॉजिस्टिक्स प्रकोष्ठ (सेल) तथा राज्यस्तरीय लॉजिस्टिक्स समन्वय समिति एवं नगर-स्तरीय लॉजिस्टिक्स समिति का गठन भी किया गया है। इसके साथ ही ग्रेटर नोएडा के बोड़ाकी के पास प्रस्तावित मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब और मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब के लिए आठ गांवों, दादरी, जुनपत, चिटेहरा, कठहेड़ा, पल्ला, पाली, बोड़ाकी व थापा खेड़ा की जमीन ली जा रही है। 478 हेक्टेयर जमीन पर ये दोनों प्रोजेक्ट विकसित किए जाएंगे।
इसके साथ ही मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब अंतर्गत रेलवे टर्मिनल, लोकल एवं अंतरराज्यीय बस अड्डा व मेट्रो कनेक्टिविटी विकसित की जाएगी। इस पर रेलवे ने मंजूरी भी दे दी है। यहां से पूरब की ओर जाने वाली अधिकतर ट्रेनें चलेंगी। इससे दिल्ली, नई दिल्ली और आनंद विहार टर्मिनल पर ट्रेनों का दबाव कम होगा एवं गौतमबुद्ध नगर, बुलंद शहर, अलीगढ़, ग़ाज़ियाबाद जनपदों के निवासियों की दिल्ली स्थित रेलवे स्टेशन पर निर्भरता खत्म होगी ।
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मौजूदा नोएडा-ग्रेनो मेट्रो रूट का विस्तार मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब तक होना है। ट्रांसपोर्ट हब से लोकल बसें भी चलाई जाएंगी। लॉजिस्टिक हब से उद्योगों के लिए माल ढुलाई की राह आसान हो जाएगी। नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण के उद्योगों की जरूरत को देखते हुए यह परियोजना बेहद अहम है। मुंबई, कोलकाता, गुजरात आदि जगहों पर अभी माल भेजने में जहां चार से पांच दिन लगता है, इसके शुरू होने के बाद माल 24 घंटे में पहुंच सकेगा। लॉजिस्टिक हब में वेयर हाउस, कोल्ड स्टोर, इत्यादि भी बनेंगे। इन दोनों प्रोजेक्टों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। जल्दी ही इसे शासन की मंजूरी मिल जाएगी, ताकि तय समय में सभी कार्य पूरे किए जा सके।