न्यूज डेस्क
अमर्त्य सेन के बाद अर्थशास्त्र के क्षेत्र में फिर नोबेल पुरस्कार एक भारतीय को हासिल हुआ। भारत में जन्मे और पले बढ़े अभिजीत बनर्जी को इस साल का अर्थशास्त्र का नोबेल विजेता चुना गया। भारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी, उनकी पत्नी एस्थर डुफलो और माइकल क्रेमर को अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार मिला है।
उन्हें वैश्विक गरीबी को कम करने के लिए किए गए अपने कामों के लिए नोबेल से सम्मानित किया गया। अभिजीत बनर्जी ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है।
घोषणा के मुताबिक दुनिया में गरीबी के अभिशाप से निपटने के लिए इन तीनों अर्थशास्त्रियों ने जो प्रयोगात्मक रिसर्च और सिद्धांत अपनाए, उनके कारण दो दशकों में अर्थशास्त्र के क्षेत्र में काफी विकास हुआ।
अभिजीत बनर्जी फिलहाल अमेरिका के नागरिक हैं और मैसेचुसेट्स में फोर्ड फाउंडेशन में प्रोफेसर हैं। इसके अलावा वह हार्वर्ड और प्रिंसटन यूनिवर्सिटियों में भी पढ़ाते हैं। उनका ज्यादातर काम डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स के क्षेत्र में है।
एस्थर डफलो, क्रेमर, जॉन लिस्ट और सेंथिल मुलैयानाथन के साथ मिलकर उन्होंने अर्थशास्त्र में अहम पद्धतियां खोजी हैं, जिनसे वैश्विक गरीबी की समस्या से लड़ने में मदद मिली।
बनर्जी के माता पिता निर्मला बनर्जी और दीपक बनर्जी दोनों ही अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रहे थे। 1981 में कलकत्ता के प्रेसिडेंसी कॉलेज से अर्थशास्त्र में बीएस की डिग्री के बाद बनर्जी ने अर्थशास्त्र में एमए की डिग्री दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से ली थी। इसके बाद उन्होंने 1988 में हार्वर्ड से डॉक्टरेट हासिल किया और उनका शोध ‘सूचनात्मक अर्थशास्त्र’ पर आधारित था।
बनर्जी 2004 में अमेरिकन एकेडमी आफ आर्ट्स एंड साइंसेज़ के फेलो रह चुके हैं और उन्हें 2009 में सामाजिक विज्ञान के क्षेत्र में इन्फोसिस पुरस्कार से भी नवाज़ा जा चुका है। पूअर इकोनॉमिक्स नामक किताब के लिए उन्हें 2012 में अर्थशास्त्र के क्षेत्र में प्रतिष्ठित गेराल्ड लोएब अवॉर्ड से भी नवाज़ा गया था।
साहित्य की लेक्चरर रहीं डॉ. अरुंधति तुली बनर्जी के साथ अभिजीत की शादी हुई थी। दोनों के एक बेटा कबीर भी था, जिसकी मौत मार्च 2016 में हो गई थी। हालांकि उससे पहले ही अभिजीत का तलाक हो चुका था। अभिजीत अपनी को-रिसर्चर और नोबेल की सह विजेता एस्थर डफलो के साथ रहे और 2012 में दोनों के एक संतान भी हुई। एस्थर की पीएचडी के को सुपरवाइज़र बनर्जी ही थे और बनर्जी की तरह ही एस्थर भी गरीबी उन्मूलन से जुड़े अर्थशास्त्र की प्रोफेसर हैं। एस्थर के साथ 2015 में बनर्जी ने औपचारिक रूप से शादी की थी।