जुबिली न्यूज डेस्क
हमारे देश में त्योहारों और नववर्ष जैसे खास मौकों पर तोहफों का लेनदेन बेहद सामान्य-सी बात है. इस साल भी क्रिसमस और न्यू ईयर पर लोगों को तोहफे मिले होंगे. आयकर विभाग की नजर आपके इन तोहफों पर भी रहती है और इस पर टैक्स लगाता है. लेकिन, क्या आपको पता है कि अगर आपकी साली तोहफा दे रही तो उस पर टैक्स नहीं लगेगा, जबकि दोस्त ने दिया है तो टैक्स भरना पड़ेगा. जानिए आखिर ऐसा क्यों…
किसी गिफ्ट लेने से पहले जरूर सोचे
बता दे कि आयकर अधिनियम की धारा 56 (2) के अनुसार, एक वित्तीय वर्ष में प्राप्त उपहारों पर स्लैब दर के अनुसार “अन्य स्रोतों से आय” के रूप में कर लगाया जा सकता है. इसलिए किसी व्यक्ति से गिफ्ट लेते और देते वक्त टैक्स के बारे में जरूर सोच लेना चाहिए. इनकम टैक्स एक्ट के मुताबिक कुछ चुनिंदा तोहफों पर टैक्स लग सकता है. लेकिन टैक्स गिफ्ट की कीमत और किसने आपको दिया है, इस पर निर्भर करता है. यदि आपको मिला उपहार छूट वाली कैटेगरी में नहीं आता है, तो उसकी घोषणा आपको अपनी इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में करनी होगी.
इनसे मिले गिफ्ट पर टैक्स में छूट
आयकर अधिनियम की धारा 56 के तहत रिश्तेदारों से मिले गिफ्ट टैक्स फ्री होते हैं. पति, पत्नी, भाई, बहन, पति और पत्नी के भाई बहन यानी साला और साली, पेरेंट्स के भाई बहन यानी मामा और चाचा, जिन लोगों से खून का रिश्ता हो, या पति पत्नी का जिन लोगों से ब्लड रिलेशन हो, वे रिश्तेदारों की श्रेणी में आते हैं. इन लोगों से मिले किसी भी प्रकार के गिफ्ट पर टैक्स नहीं लगता है. लेकिन, दोस्त रिश्तेदारों की श्रेणी में नहीं आते हैं इनसे मिलने वाले गिफ्ट पर टैक्स लगता है.
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इन पर देना होगा टैक्स
आयकर अधिनियम के तहत 50,000 रुपये से अधिक मूल्य की संपत्ति जैसे शेयर और प्रतिभूतियां, गहने, प्रॉपर्टी, पुरातात्विक संग्रह, चित्र, पेंटिंग, मूर्तियां और कला या बुलियन आदि कोई भी अगर उपहार में मिलता है तो उस पर टैक्स लगता है. उपहार लेने वाले को टैक्स अपनी मौजूदा टैक्स स्लैब के अनुसार चुकाना होता है.
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