न्यूज डेस्क
संसद के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन राज्यसभा में आज कश्मीर का मुद्दा छाया रहा। जम्मू-कश्मीर पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सांसदों के सारे सवालों का जवाब दिए। इसके अलावा अमित शाह एनआरसी के मुद्दे पर भी बोले।
एनआरसी पर बोलते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि किसी धर्म को इससे डरने की जरुरत नहीं है। गरीब लोगों को सरकार कानूनी सहायता भी उपलब्ध कराएगी।
शाह ने कहा कि एनआरसी की प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शुरू हुई। जिनके नाम छूटे हैं वे ट्रिब्यूनल में जा सकते हैं। एनआरसी में धर्म विशेष के आधार पर भेदभाव नहीं होगा।
गृहमंत्री ने कहा कि एनआरसी में इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है जिसके आधार पर कहा जाए कि और धर्म के लोगों को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा। किसी का कोई भी धर्म हो, एनआरसी लिस्ट में शामिल हो सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एनआरसी को पूरे देश में लागू किया जाएगा ताकि भारत के सभी नागरिक एनआरसी लिस्ट में शामिल हो सकें।
वहीं जम्मू-कश्मीर पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सांसदों के सवालों के जवाब दिए। उन्होंने कहा कि कश्मीर में स्थित सामान्य है। हालात सुधर रहे हैं। इंटरनेट बंद होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सुरक्षा का सवाल है इस कारण इंटरनेट बंद है। इंटरनेट पर स्थानीय प्रशासन फैसला लेगा।
अमित शाह ने कश्मीर के हालात पर विपक्ष के सारे सवालों का जवाब दिया। उन्होंने बताया कि घाटी के सभी अस्पतालों में जरुरी दवाएं उपलब्ध हैं। अगर किसी के पास कोई सूचना है तो वह मुझसे कभी भी संपर्क कर सकता है, उसे मदद पहुंचाई जाएगी।
स्कूलों के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि 20411 स्कूल खुले हैं। वहां परीक्षाएं भी हो रही है। कश्मीर में कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा कि एक भी व्यक्ति की जान पुलिस फायरिंग में नहीं गई।
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