जुबिली न्यूज डेस्क
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का चौथा आम बजट पेश कर किया। बजट के अनुसार सरकार अगले वित्त वर्ष यानी अप्रैल 2022 से मार्च 2023 तक 39.44 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी। ये अभी अनुमान है और ये घट-बढ़ भी सकता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2022 में इनकम टैक्स को लेकर कोई भी घोषणा नहीं की। इससे इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव और इनकम टैक्स रेट्स घटाए जाने की उम्मीद लगाए हुए आम लोगों को निराशा ही हाथ लगी है।
वित्त मंत्री ने बजट में वर्क फ्रॉम होम डिडक्शन या स्टैंडर्ड डिडक्शन लिमिट में बढ़ोतरी से जुड़ी कोई भी घोषणा नहीं की और न ही स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट में कोई बदलाव किया गया है।
अभी क्या है सेक्शन 80 C की लिमिट
सेक्शन 80C के तहत लाइफ इंश्योरेंस, हाउसिंग लोन के प्रिंसिपल रीपेमेंट, टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड्स, नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट, प्रॉविडेंट फंड, पब्लिक प्रॉविडेंट फंड और बच्चों की ट्यूशन फीस पर टैक्स डिडक्शन मिलता है। हर फाइनेंशियल ईयर में इसकी लिमिट 1.5 लाख रुपये है।
पिछली बार यह लिमिट वित्त वर्ष 2014-15 में बढ़ाई गई थी। इससे पहले 80 C के तहत 1 लाख रुपये का टैक्स डिडक्शन मिलता था। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर सेक्शन 80C की लिमिट में बढ़ोतरी होती है तो आम लोग ज्यादा बचत करने के लिए प्रोत्साहित होंगे।
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पिछली बार बेसिक पर्सनल टैक्स इग्जेम्शन लिमिट में वर्ष 2014 में बदलाव किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार का पहला बजट पेश करते हुए उस समस के फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली ने बेसिक पर्सनल टैक्स इग्जेम्शन लिमिट को 2 लाख रुपये बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दिया था।
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वहीं सीनियर सिटीजंस के लिए इग्जेम्शन लिमिट को 2.5 लाख रुपये से 3 लाख रुपये किया गया था। तब से लेकर अभी तक बेसिक इग्जेम्शन लिमिट में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
टैक्सपेयर्स को मिलीं हैं ये रियायत
साल 2015 के बजट में केंद्र सरकार ने सेक्शन 80 CCD के तहत नेशनल पेंशन स्कीम(NPS) में 50,000 रुपये के कंट्रीब्यूशन पर एडिशनल डिडक्शन पेश किया। इसके अलावा, हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम्स पर डिडक्शन लिमिट को 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये किया गया।