जुबिली न्यूज डेस्क
कोरोना वैक्सीन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है। अदालत ने कहा है कि किसी भी व्यक्ति को कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।
अदालत ने आगे कहा, वह इस बात से संतुष्ट है कि मौजूदा कोरोना वैक्सीन नीति को अनुचित और मनमाना नहीं कहा जा सकता है।
साथ में शीर्ष अदालत ने यह भी कहा, सरकार नीति बना सकती है और जनता की भलाई के लिए कुछ शर्तें लागू की जा सकती है।
अदालत ने कहा, कुछ प्रदेश सरकारों की ओर से लगाई गई शर्त, सार्वजनिक स्थानों पर वैक्सीन न लेने वाले लोगों को प्रतिबंधित करने का कदम ठीक नहीं है। इसे वापस लेना चाहिए।
Supreme Court says no individual can be forced to get vaccinated. The Court also says that it’s satisfied that the current vaccine policy can’t be said to be unreasonable & manifestly arbitrary.
SC says that govt can form policy&impose some conditions for the larger public good— ANI (@ANI) May 2, 2022
शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को कोरोना टीकाकरण के प्रतिकूल प्रभावों पर आंकड़े सार्र्वजनिक करने का भी निर्देश दिया है।\
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दरअसल सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह टीकाकरण ( हृञ्ज्रत्रढ्ढ) के पूर्व सदस्य डॉ जैकब पुलियल ने कोरोना वैक्सीन को अनिवार्य बनाने के खिलाफ और क्लीनिकल डेटा को सार्वजनिक करने की मांग वाली याचिका दायर की थी।
इस याचिका में कहा गया कि केंद्र का कहना है कि कोरोना वैक्सीन लगवाना स्वैच्छिक है, लेकिन राज्यों ने इसे अनिवार्य कर दिया है।
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