जुबिली न्यूज डेस्क
केरल की सत्ता में लगातार दूसरी बार आए लेफ्ट फ्रंट की पिनराई विजयन सरकार ने सभी को चौका दिया है। उन्होंने अपनी नई कैबिनेट से सभी पुराने मंत्रियों को बाहर कर दिया है, जो पिछले कार्यकाल में उनकी टीम का हिस्सा थे।
हटाए गए सभी मंत्रियों में सबसे बड़ा नाम केके शैलजा का है, जो राज्य में कोरोना संकट से निपटने में अपने कामों के लिए चर्चित हुई थीं।
सीएम पिनराई विजयन को छोड़कर इस बार पूरी तरह से नई सरकार का गठन किया गया है। नए मंत्रियों की बात करें तो सबसे अधिक सुखिर्यों में विजनय के दामाद पीए मोहम्मद रियास हैं।
पिनराई विजयन की टीम में पार्टी सीपीएम के सचिव ए. विजयराघवन की पत्नी आर. बिंदु के अलावा वीना जॉर्ज के भी जगह मिली है।
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सीपीएम ने बताया है कि पार्टी ने एमबी राजेश को स्पीकर के तौर पर और शैलजा को पार्टी व्हिप के तौर पर चुना है। टीपी रामकृष्णन को विधायी पार्टी सचिव नियुक्त किया गया है।
वहीं, सीपीएम ने पिनराई विजयन को विधायक दल का नेता और मुख्यमंत्री चुना है।
CPI(M) state committee appoints Pinarayi Vijayan as parliamentary party leader & CM. Ministers are MV Govindan, K Radhakrishnan, KN Balagopal, P Rajeev, VN Vasavan, Saji Cherian, V Sivankutty, Mohd Riyas, Dr R Bindu, Veena George & V Abdul Rahman: CPI(M) state committee#Kerala pic.twitter.com/gAXPL5DPUp
— ANI (@ANI) May 18, 2021
इसके अलावा एमवी गोविंदन, के राधाकृष्णन, केएन बालागोपाल, पी राजीव, वीएन वासवन, साजी चेरियन, वी शिवकुट्टी, मोहम्मद रियास, डॉक्टर आर बिंदू, वीना जॉर्ज और वी अब्दुल रहमान को मंत्री पद के लिए चुना गया है।
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कोरोना को कंट्रोल करने पर चर्चा में आई थीं शैलजा
केरल में कोरोना वायरस की पहली लहर के दौरान शैलजा अच्छा काम करने की वजह से चर्चा में आईं थीं। शैलजा यहां की रॉकस्टार के रूप में देखी जाती हैं।
इससे पहले निपाह वायरस के फैलाव के दौरान भी शैलजा अपने काम को लेकर चर्चा में आई थीं। बीते सितंबर में, यूके स्थित प्रॉस्पेक्ट पत्रिका ने शैलजा को “वर्ष 2020 के शीर्ष विचारक” के रूप में भी चुना था।
बड़े अंतर से चुनाव जीती थीं शैलजा
पहले अध्यापिका रहने के चलते ‘शैलजा टीचर’ के नाम से पहचानी जाने वाली 64 वर्षीय पूर्व मंत्री ने हाल में हुए केरल चुनाव में बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी। वे कन्नूर जिले से 60,000 वोटों से जीती थीं।
6 अप्रैल को विधानसभा चुनावों के दौरान अपना वोट डालते हुए उन्होंने मीडिया से कहा था कि, ‘केरल में कोरोना से मृत्यु दर (0.4फीसदी) काफी कम है। केरल घनी आबादी वाला राज्य है…हम कोरोना को रोकने में सक्षम थे। अब कोरोना के फैलने की गति कम हुई है…इसके शुरू होने के बाद हम काफी सामाजिक कल्याण की योजनाएं लेकर आए, जैसे की जरूरतमंदों को भोजन की किट सप्लाई करना, कम्युनिटी रसोई आदि। इसके अलावा हमने गैर कोरोना मरीजों को दवाओं की भी आपूर्ति की। लोग इसे देख रहे हैं और वे हमें वोट करेंगे।’
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