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दुष्कर्म के आरोप में जेल काट रहे गुरमीत राम रहीम को मंगलवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। उच्च न्यायालय ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम की पत्नी हरजीत कौर की उस याचिका को वापस लेने की छूट देते हुए खारिज कर दिया है, जिसमें हरजीत ने राम रहीम को पैरोल देने की मांग की थी।
हरजीत कौर ने उच्च न्यायालय को बताया था कि हरियाणा सरकार ने राम रहीम की पैरोल की अर्जी खारिज कर दी है, जबकि राम रहीम पैरोल के हकदार हैं क्योंकि उनकी माता बीमार है और मां अपने बेटे की हाजिरी में ही उपचार करवाना चाहती है।
इस पर अदालत ने कहा राम रहीम डॉक्टर तो नहीं है, उनकी माँ का इलाज तो डॉक्टर ने करना है। अदालत ने कहा कि डेरे का इतना बड़ा अस्पताल है तो वहां उपचार करवाएं।
अदालत ने कहा कि डेरे के अस्पताल में पूरे परिवार के सदस्य और डेरे के कर्मी है केवल बेटा ही नहीं होगा। वहां इलाज करवाया जा सकता है। अदालत ने कहा कि जब राम रहीम जीवित हैं तो वह किस हैसियत से याचिका दाखिल कर रही है।
राम रहीम चाहे तो खुद अपनी जमानत के लिए याचिका डाल सकता है। आपको बता दें कि इससे पहले राम रहीम ने खेती करने के लिए भी अदालत से पैरोल की मांग की थी, जिसे अदालत ने ठुकरा दिया था। कोर्ट के इस फैसले के बाद एक बात तो एकदम स्पष्ट समझ आती है कि गुरमीत राम रहीम पर फ़िलहाल कोई रहम की गुंजाईश नहीं है।
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