न्यूज़ डेस्क
कहते है बच्चे भगवान का रूप होते है बच्चे जब जन्म लेते है तो कई सारी खुशिया लेकर आते हैं। लेकिन क्या आपने सुना है कि कहीं पर बच्चों के जन्म लेने के बाद प्रशासन जांच के आदेश दिए हों। जी हाँ ये अजीबोगरीब मामला उत्तराखंड में सामने आया है। यहां के उत्तरकाशी में लगभग 133 गांवों में तीन महीने में करीब 218 बच्चों ने जन्म लिया है। हैरत की बात ये है कि जिन महिलाओं ने 218 बच्चों को जन्म दिया है उनमे एक भी बेटी शामिल नहीं है।
उत्तरकाशी जिले में घट रहे बच्चियों के लिंगानुपात की यह तस्वीर सरकार द्वारा चलाये जा रहे ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान पर कालिख पोतती नजर आ रही है। वहीं, प्रसव की रिपोर्ट के जरिये सामने आये आकड़ों से सरकारी विभागों के साथ ही स्वास्थ्य विभाग भी सकते में है। हालांकि, इस मामले में जिला प्रशासन ने जांच के आदेश दे दिए है।
जन्म लेने वाले बच्चों में एक भी लड़की नहीं
बता दें कि स्वास्थ विभाग द्वारा जारी किए। इन आंकड़ों के अनुसार उत्तरकाशी में पिछले तीन महीने के दौरान 133 गांव में करीब 218 बच्चों ने जन्म लिया है। सभी लड़के हैं और इनमें कोई भी लड़की पैदा नहीं हुई है। इस कारण कन्या भ्रूण हत्या का शक जताया जा रहा है। इस रिपोर्ट के आने पर बिगड़ते लिंगानुपात को देखते हुए जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है।
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिए जांच के आदेश
वहीं, इस मामले की गंभीरता को देखते हुए उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जांच के आदेश दिए हैं। सरकारी आंकड़ों का खुलासा होने पर हरकत में आए सीएम सिंह रावत ने इस मामले में गहनता से जांच कराने का आश्वासन दिया है। साथ ही कहा है कि अगर इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही या आपराधिक गतिविधि पाई जाती है तो आरोपी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।