प्रमुख संवाददाता
कोरोना वायरस के कारण आये बड़े संकट के कारण राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है. कोरोना संक्रमण के शिकार लोगों को दिक्कत से बचाने के लिए सरकार ने तय किया है कि 31 मार्च से 31 अगस्त के बीच रिटायर होने वाले किसी भी डाक्टर या पैरा मेडिकल स्टाफ को 30 सितम्बर तक रिटायर नहीं किया जाएगा. जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर हुई राज्य आपदा प्राधिकरण की बैठक में यह फैसला लिया गया है.
इस बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्य के लोगों को भरोसा दिलाया है कि किसी भी व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित नहीं होना चाहिए. सरकार ने राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को चाक चौबंद रखने का फैसला किया है. यह आपदा का समय है. कोरोना का संकट पूरी दुनिया में छाया हुआ है. इसी वजह से सरकार ने तय किया है कि 30 सितम्बर तक किसी भी डाक्टर या पैरामेडिकल स्टाफ को रिटायर न किया जाए.
पलायन कर रहे मजदूरों से मुख्यमंत्री ने अपील की है कि वह जहां हैं वहीं रहें. उन्हें कहीं जाने की ज़रुरत नहीं है. सरकार उनके खाने-रहने और उसके स्वास्थ्य की पूरी व्यवस्था करेगी. मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि सरकार हर मजदूर की समस्या का ध्यान रखेगी. गर्भवती महिलाओं का विशेष ध्यान रखा जाएगा.
इस बैठक में मजदूरों के पलायन का मुद्दा प्रमुखता से उठा. बैठक में यह राय सामने आयी कि जो मजदूर पलायन कर यहाँ पहुंचे हैं उनकी जांच की जाए और रिपोर्ट आने तक उन्हें क्वारंटाइन किया जाए. इस बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अलावा उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, कुछ विभागों के मंत्री और अधिकारी मौजूद थे.