Friday - 1 November 2024 - 9:53 AM

प्रस्तावित बुन्देलखंड राज्य के भौगोलिक क्षेत्र में किसी भी तरह का बदलाव स्वीकार नही

जुबिली न्यूज़ डेस्क।

बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा द्वारा मोर्चा अध्यक्ष भानू सहाय के नेतृत्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी झांसी के माध्यम से भेंट किया गया। ज्ञापन में कहा गया कि दैनिक समाचार पत्र आज में प्रकाशित समाचार (सलंग्न) का अवलोकन कर समीक्षा करने की कृपा करें।

उत्तर प्रदेश सरकार ने जनपद झांसी, ललितपुर, जालौन, बाँदा, हमीरपुर, चित्रकूट एवं महोबा को मिलाकर बुन्देलखंड विकास बोर्ड का गठन किया है। मध्यप्रदेश सरकार ने जनपद सागर, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना, दतिया एवं निवाड़ी को मिलाकर बुन्देलखंड विकास प्राधिकरण का गठन किया है।

उत्तर प्रदेश सरकार एवं मध्यप्रदेश सरकार ने जिन क्षेत्रों को बुंदेलखंड क्ष्रेत्र जी मान्यता प्रदान की है उसी क्षेत्र को बुंदेलखंड मान कर केंद्र सरकार ने बुन्देलखंड की मान्यता प्रदान कर बुंदेलखंड विकास पैकेज दिया है।

बुंदेलखंड राज्य निर्माण समर्थक संघटन इसके अतिरिक्त कटनी, गंज बासौदा, लहार, पिछोर, करेरा, चंदेरी, चित्रकूट क्षेत्र आदि और जोड़े जाने की मांग कर अखंड बुंदेलखंड राज्य निर्माण के लिये आंदोलनरत है।

ज्ञापन में कहा गया कि एक दैनिक समाचार पत्र में वर्णित क्षेत्र पर आदि सरकार कार्य कर रही है तो आप मान्यवर को बताना चाहते है कि बुंदेलखंड वासियो को कदापि स्वीकार नही है।

ज्ञापन में कहा गया कि जिस क्षेत्र को उत्तर प्रदेश सरकार, मध्य प्रदेश सरकार एवं केंद्र सरकार ने बुंदेलखंड की मान्यता प्रदान की है उसमें कुछ और क्षेत्र जोड़े जाने की मांग को लेकर हम बुंदेलखंडवासी संघर्षरत है किसी भी अन्य क्षेत्र को जोड़े जाने के प्रस्ताव को किसी भी परिस्तिथि में स्वीकार नही होंगे।

प्रथम राज्य पुनर्गठन आयोग की रिपोर्ट को दरकिनार कर तत्कालीन केंद्र सरकार ने हम बुन्देलखंडवासियो को उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में बांट दिया था। आज केंद्र सरकार के पास सुअवसर है कि पूर्व में की गई भूल को सुधार कर उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में विभाजित बुन्देलखंडवासियो को पुनः एक करने का कार्य किया जाये। ज्ञापन में मांग की गई कि अखंड बुंदेलखंड का निर्माण शीघ्र किया जाये।

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