जुबिली न्यूज डेस्क
वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हलचल काफी बढ़ी हुई है। ज्ञानवापी व्यासजी तहखाना में पूजा के मामले को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। सुनवाई शुरू होते ही मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है। मुस्लिम पक्ष की ओर से हाई कोर्ट में गुरुवार को याचिका दायर की गई थी। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को 31 जनवरी के आदेश के तहत फटकार लगाई।
हाई कोर्ट ने तहखाना में पूजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। ज्ञानवापी व्यासजी तहखाना मामले में जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश के आदेश के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट में अपील की गई। इसमें व्यासजी तहखाने में पूजा की अनुमति के जिला जज के आदेश को चुनौती दी गई। दूसरी तरफ, मंदिर पक्ष के शैलेंद्र पाठक ने कैविएट दाखिल कर उन्हें भी सुनवाई का अवसर देने की भी मांग की थी। अब हाई कोर्ट का बड़ा फैसला आया है।
प्रयागराज ज्ञानवापी मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज की सुनवाई पूरी हो गई है। मस्जिद पक्ष के अधिवक्ता सीनियर एडवोकेट सैयद फरमान अहमद नकवी ने पक्ष रखा। वहीं, हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने मुस्लिम पक्ष की याचिका का विरोध किया। 6 फरवरी को दोपहर दो बजे होगी मामले की अगली सुनवाई होगी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूजा अर्चना पर रोक नहीं लगाई है। कोर्ट ने यूपी सरकार को जगह संरक्षित करने को कहा है। हाई कोर्ट ने कहा कि संरक्षित स्थल को कोई नुकसान या निर्माण नहीं होना चाहिए। हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद व्यासजी तहखाने में तहखाने में दर्शन पूजन जारी रहेगा। अगली सुनवाई पर मुस्लिम पक्ष 17 जनवरी 2024 के आदेश को भी चुनौती देगा।
कानून व्यवस्था बनाए रखने के आदेश
जिला जज ने डीएम वाराणसी को इस आदेश से रिसीवर नियुक्त किया है। 17 जनवरी से डीएम वाराणसी रिसीवर नियुक्त किए गए हैं। व्यासजी तहखाने के देखभाल की जिम्मेदारी कोर्ट ने डीएम को सौंपी है। जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच में मामले पर सुनवाई हुई।
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अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से पुनरीक्षण याचिका दाखिल की गई। कोर्ट ने यूपी के एडवोकेट जनरल से कानून व्यवस्था को लेकर जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया है। डीएम वाराणसी को सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने का आदेश भी कोर्ट ने दिया। जिला जज वाराणसी के आदेश से व्यासजी तहखाने में पूजा अर्चना शुरू हो गई है।