- माँ-पिता जी के सपने को साकार करना है
- तीन बार इंटरनेशनल और एक बार नेशनल गेम्स में जीत चुकी है निवेदिता मेडल
जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ /गौतम बुद्ध नगर/नई दिल्ली। तमिलनाडु स्थित भारतीय यूनिवर्सिटी की ओर से खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स, उत्तर प्रदेश 2022 में भागीदारी कर रही निवेदिता वेलोर ने 25 मीटर पिस्टल रैपिड फायर में सिल्वर मेडल जीता है।
इससे पहले वह तीन इंटरनेशनल और एक नेशनल मेडल जीत चुकी है। इससे पहले भी निवेदिता ने वर्ष 2012 और 2020 में खेलो इंडिया गेम्स में भागीदारी कर चुकी है लेकिन दुर्भाग्य से किसी मे भी उन्हें कोई मेडल नही मिला है लेकिन इस बार उन्होंने सिल्वर मेडल पर कब्जा जमाया है।
निशानेबाजी के प्रति उनका लगाव बचपन से ही था। इसकी वजह उनके पिता जी का सीआरपीएफ में होना है। उनके आर्म्स को देख कर उन्हें उसे चलाने का मन करता था लेकिन इसे कैरियर बनाने के बारे में उन्होंने 2016 के बाद सोचना शुरू किया।
वह बताती है कि जब वह 2016 में एक कैम्प में गई थी तो वहां उन्होंने पिस्टल चलाई और उन्हें मज़ा आया। उनके साथियों ने भी एप्रिशिएट किया। जिसके बाद उन्होंने एक खेल को खेलना शुरू कर दिया।
उनके माता पिता (गिरजा व श्रवण) दोनों ही बैडमिंटन के खिलाड़ी रहे हैं लेकिन वह लोग नेशनल गेम्स तक नही पहुंच पाए। इसलिए अब वह अपने माता पिता दोनों के सपने को निशानेबाजी मेडल जीतकर साकार करना चाहती है।
वह लड़कियों को यह संदेश देना चाहती है कि हर एक लड़की को कोई न कोई गेम जरूरत खेलना चाहिए। यह उनके खुद के लिए बहुत जरूरी है। स्पोर्ट्स उन्हें एक पहचान देती है और वह बहुत आगे भी नही पहुंच पाती है तो उनके फिजिक के लिए बहुत फायदेमंद है। निवेदिता का गोल भी ओलंपिक पर है।
खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के आयोजन के लिए वह उत्तर प्रदेश सरकार की सराहना करते हुए कहती है कि ऐसा इंतजाम बहुत कम जगह देखने को मिलता है।