न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। दुष्कर्म के आरोपों में फरार और भारत से भाग चुके विवादों में घिरे नित्यानंद के बारे में खबर आई है कि उसने दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप में त्रिनिदाद और टोबैगो के पास इक्वाडोर के पास एक द्वीप पर अपना नया देश बसा लिया है।
जानकारी के मुताबिक उसने इस देश का नाम कैलासा रखा है। वह नेपाल के रास्ते इक्वाडोर भागा था। हालांकि, इन रिपोर्ट्स की कोई पुष्टि नहीं हुई है। कर्नाटक में दर्ज दुष्कर्म के एक मामले में नित्यानंद वांछित है।
उस पर आरोप है कि अपना आश्रम चलाने के लिए बच्चों का अपहरण कर उनसे श्रद्धालुओं से चंदा जुटाने के लिए मजबूर करता था। पुलिस ने इस मामले में उसकी दो अनुयायियों को भी गिरफ्तार कर चुकी है।
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विवादित स्वामी नित्यानंद का बिदादी आश्रम लगभग खाली पड़ा है और वहां की व्यवस्था देखने वाले लोग नदारद हैं। नित्यानंद पर अवैध तरीके से बच्चों को कैद में रखने और बलात्कार का आरोप है। बिदादी आश्रम में ही पहली बार विवादित धर्मगुरु का पहला कारनामा 2010 में सामने आया था।
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एक अभिनेत्री के साथ आपत्तिजनक स्थिति में उसका एक वीडियो वायरल हो गया था और इसके बाद करीब आठ साल तक वह गुमनामी में चला गया। एक साल पहले वह अपने नए अवतार में प्रकट हुआ। इस बार वह भूरे रंग के कपड़े और शेर की खाल पहने हुए था। उसकी दाढ़ी मूंछ बढ़ी हुई थी। वह हाथ में त्रिशूल लिए था और गले में मनके की माला पहनी थी।
पुलिस उसकी तलाश कर ही रही थी कि खबर आई कि उसके इक्वाडोर के निकट एक द्वीप पर एक हिंदू राष्ट्र ‘कैलासा’ का गठन कर लिया है, जिसका अपना झंड़ा और राजनीतिक व्यवस्था है।
नए देश की वेबसाइट भी बनाई
नित्यानंद ने इस नए देश की वेबसाइट भी बनाई है। उसकी वेबसाइट पर दावा किया गया है- “कैलासा बिना सीमाओं का एक देश है जिसे दुनियाभर से बेदखल किए गए हिंदुओं ने बसाया है। ये वो लोग हैं जिन्होंने अपने ही देशों में प्रामाणिक रूप से हिंदू धर्म का अभ्यास करने का अधिकार खो दिया।’
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इस देश का अपना एक ‘पासपोर्ट’ है और नित्यानंद ने पहले ही इसका एक ऑनलाइन सैंपल भी डाला है। नित्यानंद द्वारा इस देश को संप्रभु हिंदू राष्ट्र घोषित किया गया है। नित्यानंद के इस नए देश कैलासा का अपना एक अलग झंडा, पासपोर्ट और प्रतीक भी होगा।
नागरिक बनने के लिए कर रहा आमंत्रित
वेबसाइट के मुताबिक, यह ‘नया देश’ एक मंदिर आधारित पारिस्थितिकी के साथ तीसरी आंख के पीछे का विज्ञान, योग, ध्यान और गुरुकुल शिक्षा पद्धति का भी दावा करता है।
इतना ही नहीं, यह देश सभी को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाओं, मुफ्त शिक्षा, मुफ्त भोजन और एक मंदिर आधारित जीवन प्रणाली देने की बात भी कहता है। नित्यानंद अब लोगों को अपने ‘देश’ का नागरिक बनने के लिए आमंत्रित कर रहा है साथ ही इसे चलाने के लिए वह लोगों से दान भी मांग रहा है।
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कौन है भगोड़ा नित्यानंद ?
नित्यानंद का असली नाम राजशेखरन है और वह तमिलनाडु का रहने वाला है। वह साल 2000 में बेंगलुरु के पास एक आश्रम बनाने के बाद प्रभावशाली हो गया था। उसके ज्यादातर भाषण कमोबेश आध्यात्मिक गुरू ओशो रजनीश के विचारों पर ही आधारित होते हैं।
नित्यानंद कर्नाटक में दर्ज दुष्कर्म के एक मामले में वांछित है। उस पर आरोप है कि अपना आश्रम चलाने के लिए बच्चों का अपहरण कर उनसे श्रद्धालुओं से चंदा जुटाने के लिए मजबूर करता था। अहमदाबाद पुलिस ने इस मामले में उसकी 2 अनुयायियों को भी गिरफ्तार कर चुकी है।