जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव इस साल है और ऐसे में राजनीतिक दलों ने अभी से अपनी तैयारी को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। नीतीश कुमार बिहार का दौरा कर जनता की नब्ज को टटोल रहे हैं तो दूसरी तरफ बीजेपी भी अंदर-अंदर तैयारी कर रही है। बीजेपी की चाहत है कि बिहार में उसका सीएम हो लेकिन अपनी चाहत को अंदर ही दबाने पर मजबूर है क्योंकि नीतीश कुमार को भी हर हाल में अपने साथ रखना चाहती है।
दरअसल नीतीश कुमार के सहारे मोदी सरकार केंद्र में सुरक्षित है। दूसरी तरफ तेजस्वी यादव भी बिहार में अपनी अलग पहचान बना चुके हैं। हाल ही हुए सर्वे में भी ये बात सामने आ चुकी है कि तेजस्वी यादव को 40 प्रतिशत से ज्यादा लोग सीएम बनते लोग देखना चाहते हैं।
तेजस्वी यादव भी इस बात को समझ रहे हैं और उनके हौसले बुलंद है। तेजस्वी यादव की कोशिश है कि बिहार में आरजेडी की सरकार बने और इसके लिए वादों की झड़ी लगा रहे हैं। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर महागठबंधन की सरकार आएगी तो राज्य में 500 रुपये में सिलेंडर मिलेगा। ताड़ी को शराबबंदी से अलग करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘नशामुक्ति से कोई समझौता नहीं होगा। फिलहाल ताड़ी की बात की जा रही है। ताड़ी के लिए पहले वाला कानून लाया जाएगा। पासी समाज कह रहा है कि निरा योजना पूरी तरह फ्लॉप है। ताड़ी को लेकर पुराना कानून लागू करेंगे। 2016 में बना कानून खत्म करेंगे। लालू प्रसाद ने ताड़ी पर टैक्स खत्म किया था। हाई कोर्ट ने शराबबंदी पर बड़ा बयान दिया था।
शराबबंदी पुलिस के लिए हथकंडा बन गया है। तस्करों के साथ पुलिस मिली हुई है। शराबबंदी बिहार में फेल ही चुकी है। हम चाहते हैं कि बिहार नशामुक्त समाज बने पर बिहार में कुछ और चल रहा है।
8 सालों में 12 लाख 79 हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया। हर महीने औसतन 12 हजार गिरफ्तारी होती है। बता दे कि लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव की की जाए तो उनकी लोकप्रियता में काफी उछाल देखने को मिल रहा है।
लालू यादव के नेतृत्व में और नीतीश कुमार की देखरेख में तेजस्वी यादव को राजनीति का ककहरा सीखने का मौका मिला, और अब वे पूरी तरह से एक परिपक्व राजनेता के तौर पर देखे जा रहे हैं। अभी कुछ दिन पहले सी वोटर का सर्वे सामने आया है। उस सर्वे में एक बात तो साफ हो गई है कि लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव अब नीतीश कुमार के लिए बड़ी चुनौती बन गए है। सर्वे में सीएम के लिए 41 प्रतिशत लोगों की पसंद तेजस्वी बताए गए हैं जबकि अब केवल 18 फीसदी लोग ही नीतीश को फिर से सीएम बनते देखना चाहते हैं।