जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. धर्मांतरण विरोधी क़ानून को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ़-साफ़ कह दिया है कि बिहार में इस क़ानून की कोई ज़रूरत नहीं है क्योंकि हमारे राज्य में सभी धर्मों के लोग शान्ति के साथ रहते हैं. पत्रकारों ने जब उनसे कहा कि इस तरह के क़ानून की ज़रूरत बताई गई है तो उन्होंने कहा कि यहाँ सरकार हमेशा एलर्ट रहती है और उसे यह बात अच्छी तरह से पता है कि बिहार के लोगों को ऐसे किसी क़ानून की ज़रूरत नहीं है.
केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बार-बार इस क़ानून की ज़रूरत बताई है. नीतीश बिहार में बीजेपी के सहयोग से सरकार चला रहे हैं लेकिन नीतीश की राह हमेशा अपनी मर्जी की राह रही है. समान नागरिक संहिता, तीन तलाक, एनआरसी, जनसँख्या नियंत्रण क़ानून, अनुच्छेद 370 और अयोध्या जैसे मुद्दे पर उनकी राय कभी भी बीजेपी जैसी नहीं रही है.
जनसँख्या नियंत्रण क़ानून पर तो अभी दो दिन पहले ही नीतीश ने कहा था कि क्या सिर्फ क़ानून बना देने से लोगों का नजरिया बदल जायेगा. उन्होंने कहा कि जनसँख्या नियंत्रण पर बिहार में लगातार काम किया जा रहा है. प्रजनन दर तीन पर पहुँच गई है जो बहुत जल्दी दो पर पहुँच जायेगी. सिर्फ क़ानून बनाने से जनसँख्या नियंत्रित हो जाती तो चीन ने तो बहुत पहले ही क़ानून बना लिया था. वहां क्या हुआ.
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