जुबिली न्यूज डेस्क
बिहार में विधानसभा चुनाव प्रचार के आखिरी दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि ये उनका आखिरी चुनाव है। पूर्णिया जिले की धमदाहा विधानसभा सीट से एनडीए प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करने पहुंचे नीतीश कुमार ने कहा, ‘जान लीजिए, आज चुनाव प्रचार का आखिरी दिन है। परसो मतदान होगा। ये मेरा अंतिम चुनाव है। अंत भला तो सब भला।’
This is my last election, says Bihar CM and JD(U) Chief Nitish Kumar during an election rally in Purnia#BiharElections2020 pic.twitter.com/vLSL4uQd4v
— ANI (@ANI) November 5, 2020
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के तीसरे और अंतिम चरण के लिए शनिवार को मतदान होगा। इसके लिए आज शाम पांच बजे प्रचार अभियान थम जाएगा। आखिरी दिन प्रचार करते हुए नीतीश कुमार ने इस चुनाव को अपना अंतिम चुनाव करार दिया है।
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बता दें कि नीतीश कुमार 2005 से ही बिहार के मुख्यमंत्री हैं। मुख्यमंत्री बनने से पहले वे अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में रेल मंत्री रहे। आज की जनसभा को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने अपने पुराने दिनों को भी याद किया और कहा कि रेल मंत्री रहते हुए भी मैं लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए तत्पर रहता था।
नीतीश के इस बयान के आने के बाद राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आना भी शुरू हो गई हैं। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि नीतीश जी ने दिल की बात की है, राजनीति में भी एक शुचिता होनी चाहिए। जैसे BJP ने तय किया है कि 75 वर्ष की उम्र से अधिक चुनाव नहीं लड़ेंगे। नीतीश कुमार अभी 71 वर्ष के हैं। वैसे अभी कई लोग जेल में बैठकर भी टिकट बांट रहे हैं और वो 76 वर्ष पार कर चुके हैं।
वहीं लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि अगर रणभूमि से नेता ही गद्दी छोड़ कर भाग जाए तो बाकी के लोग क्या करेंगे? अब JDU का कोई अस्तित्व नहीं बचा है। अगर नीतीश कुमार जी ये सोच रहे हैं कि ये घोषणा करके वो जांच की आंच से बच जाएंगे तो ये मैं होने नहीं दूंगा।
वहीं महागठबंंधन के सीएम उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने कहा कि मैं जो बात पहले से कहता रहा हूं कि नीतीश कुमार जी थक चुके हैं, उनसे बिहार संभल नहीं रहा है। वो जमीनी हकीकत को पहचान नहीं पाए और जब उन्हें अहसास हुआ तो उन्होंने संन्यास लेने की घोषणा कर दी।
बता दें कि नीतीश कुमार ने साल 1977 में अपना पहला चुनाव लड़ा था। उन्होंने नालंदा के हरनौत से चुनाव लड़ा। यहां से नीतीश कुमार चार बार चुनाव लड़े, जिसमें उन्हें 1977 और 1980 में हार मिली, जबकि 1985 और 1995 के चुनाव में वो विजयी हुए।
नीतीश कुमार ने साल 2004 में अपना आखिरी चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें नालंदा से जीत हासिल हुई थी। उसके बाद से नीतीश कुमार ने कोई चुनाव नहीं लड़ा। नीतीश कुमार ने साल 1972 में बिहार इंजीनियरिंग कॉलेज से पढ़ाई की।
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उन्होंने कुछ समय तक बिहार स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड में नौकरी भी की। लेकिन जयप्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया जैसे नेताओं के संपर्क में आने के बाद नीतीश कुमार राजनीति के हो लिए।
नीतीश कुमार 6 बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे हैं। साल 2004 के बाद उन्होंने कभी चुनाव नहीं लड़ा। नालंदा से सांसद रहे नीतीश कुमार नवंबर 2005 में NDA के प्रदेश में सत्ता में आने पर मुख्यमंत्री बने थे। उन्होंने सांसद पद से इस्तीफा देकर बिहार विधान परिषद की सदस्यता ग्रहण की थी। नीतीश कुमार पिछले 15 साल से सत्ता पर काबिज हैं। वह जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के एक कद्दावर नेता के रूप में जाने जाते हैं।